दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ अपराध में आई 29.67 फीसदी की कमी

देश की राजधानी दिल्ली के लिए एक बेहद सुकून देने वाली खबर सामने आई है। काफी लंबे अरसे के बाद दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ अपराध में 29.67 फीसदी की कमी आई है।

महिलाओं के खिलाफ अपराध में आई कमी
दिल्ली पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, 1 जनवरी, 2020 से 30 सितंबर, 2020 तक दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ अपराध जिनमें दुष्कर्म, छेड़खानी, फब्ती कसना व पीछा करना आदि के 3063 मामले सामने आए, जबकि पिछले साल 1 जनवरी, 2019 से 30 सितंबर, 2019 तक कुल 4361 मामले दर्ज किए गए थे। महिलाओं के खिलाफ अपराध घटने के पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं। दिल्ली पुलिस ने न केवल दिल्ली के डार्क स्पॉट को चिह्नित किया बल्कि रुटीन में उसकी रिपोर्ट बनाकर संबंधित विभागों को भेजकर समस्या को दूर करने को लेकर लगातार दबाव बनाती रही है।

केसों को सुलझाने की दर में काफी बढ़ोतरी
ध्यान रहे कि दिल्ली पुलिस आयुक्त एस एन श्रीवास्तव ने हर पीसीआर कॉल पर एफआईआर दर्ज कर अपराधियों को तुरंत पकड़ने का सिस्टम बनाया है, महिला अपराध पर अंकुश लगाने की दिशा में कई सख्त कदम उठाए। दिल्ली पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, महिलाओं के खिलाफ अपराध में गिरावट आने के साथ ही दर्ज केसों को सुलझाने के दर में भी काफी बढ़ोतरी हुई है। 1 जनवरी, 2020 से 30 सितंबर, 2020 तथा 1 जनवरी, 2019 से 30 सितंबर, 2019 तक दोनों सालों में तुलनात्मक आंकड़े देखें तो वर्ष 2019 में दुष्कर्म के 1723, छेड़खानी के 2276 और फब्ती कसने व पीछा करने के 362 मामले दर्ज किए गए, वहीं वर्ष 2020 में दुष्कर्म के 1241, छेड़खानी के 1527 और फब्ती कसने व पीछा करने के 95 मामले दर्ज किए गए।

97.66 फीसदी घटना जानकारों के द्वारा
दिल्ली पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, दुष्कर्म के 97.66 फीसदी मामलों को पीड़ित के रिश्तेदारों और जानकारों ने अंजाम दिया है, जबकि अंजान लोगों ने दुष्कर्म के 2.34 फीसदी मामले को अंजाम दिया। वर्ष 2020 में केस सुलझाने के देखा जाए तो दुष्कर्म के 91.62 फीसदी, छेड़खानी के 82.7 फीसदी और फब्ती कसने के 76.61 फीसदी केस सुलझा लिए गए। महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं जिनमें दिल्ली के सभी बार, पब और डिस्को को रात 1 बजे तक ही खुलने की इजाजत दी गई है।

प्लेसमेंट एजेंसियों पर कसा शिकंजा
इस साल अब तक 56,787 महिलाओं को सेल्फ डिफेंस का प्रशिक्षण भी दिया गया। दिल्ली में चलने वाली प्लेसमेंट एजेंसियों पर शिकंजा कसा गया। कैब पर लगातार दिल्ली पुलिस को नजर रखने को कहा गया है। कैब में गार्ड की तैनाती नहीं रखने पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। रात को दिल्ली की सड़कों पर चलने वाले वाहनों में काले शीशे पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। काले शीशे वाले वाहनों के खिलाफ दिल्ली पुलिस लगातार स्पेशल ड्राइव चला रही है। रात में चलने वाली जो बसें अवैध जगहों पर खड़ी होती हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। सभी थानों में महिला हेल्प डेस्क को पहले से ज्यादा मजबूत किया गया है। रात में भी हेल्प डेस्क पर महिला पुलिस कर्मी की तैनाती रहती हैं।

दुष्कर्म के केस में 20 दिन में आरोप पत्र दायर
महिला अपराध के मामले की जांच 3 स्तरों पर की जा रही है। टेक्निकल और साइंटिफिक तरीके से सुबूत जुटाने पर ज्यादा फोकस किया जा रहा है। सीनियर ऑफिसरों को सुपरविजन करने को कहा गया है। समय पर आरोप पत्र दायर करने के निर्देश दिए गए हैं। दुष्कर्म के केस में 20 दिन में आरोप पत्र दायर करने को कहा गया है। सीनियर ऑफिसर को कहा गया है कि महिला अपराध से संबंधित जो हर दिन पीसीआर कॉल आती है उसकी मॉनिटरिंग वे खुद करें।

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