दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के डॉक्टरों ने 52 वर्षीय महिला मरीज के अंडाशय यानि ओवरी में पनप रहे 50 किलोग्राम के ट्यूमर को निकालकर उसे जीवनदान दिया है। डॉक्टरों का दावा है कि यह दुनिया का सबसे बड़ा ट्यूमर है और इसे निकालने में रोबोट सहायक विधियों समेत कई विशेष तकनीकों का सहारा लिया गया।
अपोलो में निकाला गया 50 किलो का ट्यूमर
दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के डॉक्टरों ने 52 वर्षीय महिला मरीज के अंडाशय यानि ओवरी में पनप रहे 50 किलोग्राम के ट्यूमर को निकालकर उसे जीवनदान दिया है। डॉक्टरों का दावा है कि यह दुनिया का सबसे बड़ा ट्यूमर है और इसे निकालने में रोबोट सहायक विधियों समेत कई विशेष तकनीकों का सहारा लिया गया। इस ट्यूमर के निकलने से महिला के शरीर का वजन लगभग आधा रह गया है। सर्जरी के बाद महिला ठीक हो गई है और उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।
ऑपरेशन से पहले महिला का वजन 106 किलो था
अपोलो अस्पताल के सीनियर कंसलटेंट डॉ. अरुण प्रसाद ने बताया कि नई दिल्ली जिले की निवासी लक्ष्मी (बदला हुआ नाम) का वजन लगभग 106 किलोग्राम था, उन्हें हाल ही में सांस लेने में परेशानी, पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द और चलने-फिरने जैसी समस्या होने लगी। अपोलो अस्पताल लक्ष्मी ने जब स्थानीय डॉक्टर से परामर्श लिया तो उन्होंने अपोलो अस्पताल भेज दिया। अपोलो अस्पताल में मरीज की जांच की गई तो पता चला कि ओवरी में करीब 50 किलो का ट्यूमर है, जो बहुत तेजी से बढ़ रहा है, इससे उनकी आंतों पर दबाव पड़ रहा था और शरीर का कोई भी हिस्सा खराब हो सकता था।
यह दुनिया का सबसे बड़ा ट्यूमर
इस दौरान मरीज का हीमोग्लोबिन का स्तर भी 6 तक गिर गया, जिससे गंभीर एनीमिया हो गया, यह देखते हुए उन्हें तुरंत ऑपरेशन कराने की सलाह दी गई। महिला का करीब साढ़े तीन घंटे की सफल सर्जरी के बाद ट्यूमर को निकाला गया। अपोलो अस्पताल की कंसलटेंट डॉ. गीता चड्डा ने बताया कि ओवरी में 50 किलो के ट्यूमर का यह पहला मामला है, ये पूरी दुनिया में सबसे भारी ट्यूमर था, जिसे सफलतापूर्वक निकाला गया है। सर्जरी के दौरान डॉक्टरों को भी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। वर्ष 2017 में इसी तरह का एक मामला तमिलनाडु के कोयंबटूर में आया था, जहां एक महिला की ओवरी से 34 किलो का ट्यूमर निकाला गया था।