
बैंकों के अरबों रुपए गवन करने के आरोपी भारत के भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या को लंदन हाई कोर्ट ने आज बड़ा झटका दिया है। लंदन हाई कोर्ट ने विजय माल्या को दिवालिया घोषित कर दिया है।
लंदन हाई कोर्ट से दिवालिया घोषित हुए विजय माल्या
लंदन हाई कोर्ट ने आज 26 जुलाई को भारत के भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या को दिवालिया घोषित कर दिया है। लंदन हाई कोर्ट के इस फैसले से अब भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व में भारतीय बैंकों को विजय माल्या को दिए गए कर्ज की वसूली करने में मदद मिलेगी। इससे पहले भारतीय स्टेट बैंग के नेतृत्व में एक कंसोर्टियम ने अप्रैल 2021 में लंदन हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान भगोड़े कारोबारी विजय माल्या को दिवालिया घोषित किए जाने की पुरजोर कोशिश की थी। ध्यान रहे कि विजय माल्या अपनी दिवालिया किंगफिशर एयरलाइंस से जुड़े 9000 करोड़ रुपए के बैंक ऋण को जानबूझ कर न चुकाने के आरोपी हैं।
न्यायाधीश ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई की
मुख्य दिवाला और कंपनी न्यायालय (आईसीसी) के न्यायाधीश माइकल ब्रिग्स ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई सुनवाई में कहा, ‘मैं विजय माल्या को दिवालिया घोषित करता हूं।’ भारतीय बैकों की ओर से केस लड़ रहे लॉ फर्म टीएलटी एलएलपी और बैरिस्टर मार्सिया शेकरडेमियन ने इस मामले में पैरवी करते हुए विजय माल्या को दिवालिया घोषित करने की मांग की थी। वहीं माल्या के वकील फिलिप मार्शल ने सुनवाई और आदेश को स्थगित करने की मांग की, लेकिन जज ने इसे ठुकरा दिया।
न्यायाधीश माइकल ब्रिग्स ने फैसला सुनाया
अपने आदेश में जज ने कहा, ‘इस बात के अपर्याप्त सबूत हैं कि लिया गया लोन याचिकाकर्ताओं को उचित समय के भीतर पूरी तरह से वापस कर दिया जाएगा।’ इसके बाद विजय माल्या के वकील फिलिप मार्शल ने दिवालियापन के आदेश के खिलाफ अपील के लिए समय मांगा, जिसे जज माइकल ब्रिग्स ने नामंजूर कर दिया क्योंकि अपील की सफलता की कोई वास्तविक संभावना नहीं थी।
13 बैंकों ने लंदन हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी
ध्यान रहे कि भगोड़े कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ भारत के 13 बैंकों ने संघ बनाकर लंदन हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी, इस संघ में बैंक ऑफ बड़ौदा, कॉर्पोरेशन बैंक, फेडरल बैंक लिमिटेड, आईडीबीआई बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, जम्मू और कश्मीर बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ मैसूर, यूको बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और जेएम फाइनेंशियल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी प्राइवेट लिमिटेड इसमें शामिल थे।
माल्या की कानूनी टीम ने हाई कोर्ट में तर्क दिया था
विजय माल्या की कानूनी टीम ने लंदन हाई कोर्ट में तर्क दिया कि कर्ज विवादित बना हुआ है और भारत में चल रही कानूनी कार्रवाही ब्रिटेन में दिवालियापन के आदेश को बाधित करती है, लेकिन जज ने उसके किसी भी तर्क को स्वीकार नहीं किया। लंदन के हाई कोर्ट के इस आदेश से भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व वाले भारतीय बैंकों के संघ को कर्ज वसूल करने के लिए दुनिया भर में विजय माल्या की संपत्तियों को फ्रीजिंग करवाने का अधिकार मिल गया है।