
राजस्थान के जोधपुर की एक विशेष सीबीआई अदालत ने पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी, पूर्व सचिव प्रदीप बैजल और तीन अन्य लोगों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने का आदेश दिया। यह मामला वर्ष 2002 में सरकार द्वारा संचालित होटल की बिक्री में कथित भ्रष्टाचार के संबंध में दर्ज किया गया है।
244 करोड़ के नुकसान के मामले में शौरी पर FIR
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश जस्टिस पूरन कुमार शर्मा ने 16 सितंबर को आदेश दिया कि उदयपुर के लक्ष्मी विलास पैलेस होटल को राज्य सरकार को सौंप दिया जाए। इस होटल का संचालन पहले भारतीय पर्यटन विकास निगम द्वारा किया जाता था। 2002 में इसे भारत होटल्स लिमिटेड को बेच दिया गया, जिसका संचालन अब ललित ग्रुप ऑफ होटल्स के पास है। होटल की बिक्री से सरकार को हुए 244 करोड़ रुपए के कथित नुकसान के मामले में सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट पर सुनवाई करते हुए जज जस्टिस पूरन कुमार शर्मा ने यह आदेश दिए।
शौरी ने अपने कार्यालय का दुरुपयोग किया- CBI
सीबीआई रिपोर्ट में कहा गया है कि विनिवेश प्रक्रिया में अभियुक्तों के खिलाफ अभियोजन शुरू करने के लिए कोई सबूत नहीं मिले थे, लेकिन अदालत ने इस मामले में क्लोजर रिपोर्ट पेश करने को लेकर जांच एजेंसी की आलोचना की। जस्टिस शर्मा ने कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि तत्कालीन केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी और तत्कालीन सचिव प्रदीप बैजल ने अपने कार्यालयों का दुरुपयोग किया और सौदे में केंद्र सरकार को 244 करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचाया, सीबीआई देश की एक प्रतिष्ठित एजेंसी है, आपराधिकता की ओर इशारा करने वाले तथ्यों के बावजूद उसके द्वारा क्लोजर रिपोर्ट पेश करना चिंता का कारण है।