
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री व नेशनल कॉन्फ्रेंस के मुखिया फारूक अब्दुल्ला ने अनुच्छेद 370 को लेकर विवादित बयान दिया है। फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि चीन की मदद से जम्मू-कश्मीर में दोबारा अनुच्छेद 370 बहाल हो सकता है।
अनुच्छेद 370 को लेकर फारूक का विवादित बयान
फारूक अब्दुल्ला ने आज 11 अक्टूबर को इंडिया टुडे को दिए इंटरव्यू में कहा कि जहां तक चीन का सवाल है मैंने तो कभी चीन के राष्ट्रपति को यहां बुलाया नहीं, हमारे वजीर-ए-आजम यानि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें गुजरात में बुलाया, उसे झूले पर भी बिठाया, उन्हें चेन्नई भी ले गए, वहां भी उन्हें खूब खिलाया, मगर उन्हें वह पंसद नहीं आया और उन्होंने अनुच्छेद 370 को लेकर कहा कि हमें यह कबूल नहीं है। और जब तक आप अनुच्छेद 370 को बहाल नहीं करेंगे, हम रुकने वाले नहीं हैं, क्योंकि तुम्हारे पास अब यह खुल्ला मामला हो गया है। अल्लाह करे कि उनके इस जोर से हमारे लोगों को मदद मिले और अनुच्छेद 370 और 35A बहाल हो। फारूक अब्दुल्ला ने केंद्र की मोदी सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 के इस कदम का समर्थन करने वालों को गद्दार बताया है।
अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान निष्प्रभावी
गौरतलब है कि केंद्र की मोदी सरकार ने 5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निष्प्रभावी कर दिया था। पाकिस्तान और उसके साथी चीन ने इसका विरोध किया था। हालांकि, भारत ने उन्हें देश के आंतरिक मामलों में दखल नहीं देने की चेतावनी दी थी। फारूक अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर में 5 अगस्त 2019 से पहले की स्थिति बहाल करने की मांग कर रहे हैं। ध्यान रहे कि फारूक अब्दुल्ला ने संसद के मॉनसून सत्र में भी इस मुद्दे को उठाया था, लोकसभा में अपनी बात रखते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर की स्थिति आज ऐसी है कि जहां प्रगति होनी थी वहां कोई प्रगति नहीं है, आज भी हमारे बच्चे और दुकानदारों के पास 4जी फैसिलिटी नहीं है जो हमारे पास हिन्दुस्तान की बाकि जगहों पर है, वो तालीम कैसे ले सकते हैं, जबकि सब कुछ आज इंटरनेट पर है।