
दिल्ली भाजपा ने आज राज्य के सभी 14 जिला इकाइयों के जिलाध्यक्षों के नामों की घोषणा कर दी है। वहीं, इससे पहले दिल्ली भाजपा ने लंबे इंतजार के बाद 250 मंडल अध्यक्षों की पहली सूची जारी कर दी थी। शेष 30 मंडलों के अध्यक्ष भी जल्द घोषित होने की उम्मीद है।
भाजपा ने सभी 14 जिलाध्यक्षों के नामों की घोषणा की
दिल्ली भाजपा ने आज राज्य के सभी 14 जिलाध्यक्षों के नामों की घोषणा कर दी है। शाहदरा इकाई के अध्यक्ष राम किशोर शर्मा और दक्षिण दिल्ली इकाई के अध्यक्ष रोहताश बिधूड़ी को फिर से नियुक्त किया गया है। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने यह सूची जारी करते हुए कहा कि नई नियुक्तियां तुरंत प्रभावी होंगी। वहीं, इससे पहले दिल्ली भाजपा ने लंबे इंतजार के बाद 250 मंडल अध्यक्षों की पहली सूची जारी कर दी थी। शेष 30 मंडलों के अध्यक्ष भी जल्द घोषित होने की उम्मीद है। जुलाई के पहले हफ्ते में मंडल अध्यक्षों के लिए रायशुमारी की गई थी, जिसके बाद से सूची का इंतजार किया जा रहा था, 26 अगस्त तो दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने इसकी घोषणा की थी। खास बात यह है कि भाजपा ने युवाओं के हाथों में मंडलों की कमान सौंपी है। साथ ही महिलाओं, अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग को भी प्रतिनिधित्व दिया गया है।
दिल्ली भाजपा के जिलाध्यक्षों की सूची
दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष की ओर से जारी सूचना के मुताबिक, राजकुमार भाटिया को केशवपुरम, विकेश सेठी को चांदनी चौक, मोहन गोयल को उत्तर-पूर्व, मास्टर विनोद को नवीन शाहदरा, विनोद बछेती को मयूर विहार, रामकिशोर शर्मा को शाहदरा से जिलाध्यक्ष बनाया है। इसी तरह राजेश गोयल को करोल बाग, प्रशांत शर्मा को नई दिल्ली, देवेंद्र सोलंकी को उत्तर-पश्चिम, बजरंग शुक्ला को बाहरी दिल्ली, सचिन भसीन को पश्चिमी दिल्ली, विजय सोलंकी को नजफगढ़ का जिलाध्यक्ष बनाया है, जबकि जगमोहन महलावत को महरौली और रोहताश बिधूड़ी को दक्षिण दिल्ली जिले की कमान सौंपी गई है।
30 मंडलों में अभी सहमति नहीं बन सकी
भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह और महिला मोर्चा अध्यक्ष विजया रहाटकर की मंडल से लेकर प्रदेश तक की टीम बनाने का कवायद चल रही है। योग्य नेताओं की खोज के लिए पहली बार प्रत्येक मंडल में रायशुमारी कराई गई। पर्यवेक्षकों ने स्थानीय नेताओं से बात करने के बाद दावेदारों की सूची प्रदेश नेतृत्व को सौंपी थी। लगभग डेढ़ महीने तक उस पर मंथन करने के बाद अंतिम सूची बनाई गई है। 30 मंडलों में किसी एक नाम पर सहमति नहीं बन सकी है।
200 नए लोगों को मंडलों की कमान मिली
ध्यान रहे कि 50 मंडल अध्यक्ष ही कुर्सी बचा पाए पार्टी ने इस बार मंडल अध्यक्षों के लिए 45 वर्ष की आयु सीमा निर्धारित की है और इसका सख्ती से पालन किया गया है। इस वजह से 200 नए लोगों को मंडलों की कमान मिली है, मात्र 50 मंडलों में ही अध्यक्ष अपनी कुर्सी बचाने में सफल हुए हैं। मंडल अध्यक्षों का नाम तय करते समय उम्र, क्षेत्र में काम व छवि के साथ ही उनकी शिक्षा को भी ध्यान में रखा गया है, नए अध्यक्षों में लगभग डेढ़ सौ स्नातक हैं। 20 मंडलों की कमान महिलाओं को दी गई है। वहीं, अनुसूचित जाति के 36 और अन्य पिछड़ा वर्ग के 50 नेताओं को मंडल अध्यक्ष बनाया गया है।