दिल्ली हिंसा मामले में JNU के पूर्व छात्र नेता उमर को 10 दिन की पुलिस रिमांड

जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद को दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने आज 10 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। दिल्ली हिंसा मामले में उमर खालिद कल यानि 13 सितंबर को रात 2 घंटे की पूछताछ के बाद दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।

उमर खालिद यूएपीए एक्ट के तहत गिरफ्तार
उमर खालिद को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम यानि यूएपीए एक्ट के तहत गिरफ्तार किया था। उमर खालिद को कोर्ट में पेश किया जाना था, लेकिन पुलिस ने उमर को कड़कड़डूमा कोर्ट नहीं ले गई। उमर खालिद की आज पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कराई गई। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने सुरक्षा कारणों से उमर खालिद को कोर्ट न ले जाकर वर्चुअल तरीके से पेश कराने की अर्जी कोर्ट में लगाई थी, जिसे कोर्ट ने इसे स्वीकार कर लिया।

पुलिस ने उमर की 10 दिन की रिमांड मांगी थी
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इस मामले की सुनवाई कर रहे एडिशनल सेशन जज अमिताभ रावत से उमर खालिद की 10 दिन की रिमांड मांगी, जिसे अदालत ने दे दी। उमर खालिद के वकील ने कस्टडी मांगे जाने का विरोध किया। उमर खालिद के वकील ने कहा कि उसकी जान को खतरा है, उमर खालिद ने सीएए का विरोध किया, सरकार के किसी फैसले का विरोध करना अपराध की श्रेणी में कैसे आ सकता है। उमर खालिद के वकील त्रिदीप पाइस ने कोर्ट से कहा कि दिल्ली हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस बेवजह उमर खालिद को फंसा रही है।

6 मार्च को उमर के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ
उमर खालिद के वकील ने दलील दी कि वह जांच में बार-बार सहयोग कर रहा है, जुलाई में भी उनसे 5 घंटे की पूछताछ की गई थी और कल भी बुलाने पर वह पुलिस के सामने पेश हुए। उमर खालिद के वकील ने कहा कि कि दिल्ली में जब 23 से 26 फरवरी, 2020 के बीच में दंगे हुए उस दौरान उमर ख़ालिद दिल्ली में था ही नहीं। गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस ने 6 मार्च, 2020 को उमर खालिद के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।

उमर पर पर हिंसा भड़काने का आरोप
दिल्ली हिंसा मामले में उमर खालिद पर लोगों को एकत्रित करने, भड़काऊ भाषण देने, अमेरिकी राष्ट्रपति के दौरे के दौरान लोगों को सड़क पर प्रदर्शन करने के लिए उकसाने समेत कई संगीन आरोप हैं। उमर खालिद पर हिंसा भड़काने और हिंसा की पूर्व नियोजित साजिश रचने का आरोप भी है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने उमर खालिद की गिरफ्तारी यूएपीए एक्ट के तहत की है, पुलिस की ओर से हिंसा को लेकर कोर्ट में पेश की गई एडिशनल चार्जशीट में भी दावा किया गया है कि पिंजरा तोड़ ग्रुप की महिलाओं ने भी पूछताछ के दौरान उमर खालिद का नाम लिया था।

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