राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी के गठन को मंजूरी, एसएससी, रेलवे व बैंकिंग की परीक्षा एक साथ होगी

प्रधानमंत्री नरेंद्री मोदी की अध्यक्षता में आज केंद्रीय कैबिनेट ने राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी यानि नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी की स्थापना के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने जानकारी देते हुए कहा कि यह सरकारी नौकरी ढूंढ रहे युवाओं के लिए एक बड़ी खुशखबरी है।

राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी के गठन को मंजूरी

प्रधानमंत्री नरेंद्री मोदी की अध्यक्षता में आज केंद्रीय कैबिनेट ने राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी यानि नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी की स्थापना के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने जानकारी देते हुए कहा कि यह सरकारी नौकरी ढूंढ रहे युवाओं के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। एसएससी, रेलवे भर्ती बोर्ड और बैंकिंग सेक्टर में नौकरी के लिए अब एक साथ प्रारंभिक परीक्षा आयोजित की जाएगी। खासतौर पर महिलाओं को अब बड़ी राहत महसूस होगी। राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट यानि सीईटी का आयोजन करेगी।

सीईटी मेरिट लिस्ट 3 साल के लिए मान्य

अभी सिर्फ तीन एजेंसी की परीक्षा को कॉमन बनाया जा रहा है, आने वाले समय में सभी भर्ती एजेंसियों के लिए कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट आयोजित होगा। सीईटी मेरिट लिस्ट 3 साल के लिए मान्य रहेगी। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी के लिए 1517.57 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के मुताबिक, यह स्वतंत्र भारत के इतिहास में ऐतिहासिक सुधारों में से एक है। इस प्रक्रिया के लागू होने से भर्ती, चयन प्रक्रिया और नौकरी मिलना भी आसान हो जाएगा।

अभी देश में 20 से अधिक भर्ती एजेंसियां

अभी केंद्र सरकार में करीब 20 से अधिक भर्ती एजेंसियां हैं। ध्यान रहे कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्ष 2020-21 का बजट पेश करते वक्त सरकारी नौकरियों के लिए नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी बनाने के प्रस्ताव की घोषणा की थी। यह कंप्यूटर बेस्ड ऑनलाइन परीक्षा होगी। देश के हर जिले में इसके लिए एक सेंटर बनेगा। सरकारी नौकरी के लिए 2 वर्ष तक चलने वाली चयन प्रक्रिया अब कुछ ही महीने में पूरी होगी। एक साथ ढाई करोड़ युवा सरकारी नौकरी की परीक्षा दे सकेंगे, यह परीक्षा ग्रुप बी और ग्रुप सी के पदों के लिए होगी।

अच्छा स्कोर पाने वाला दूसरी परीक्षा में योग्य

इस प्रारंभिक परीक्षा का फायदा यह रहेगी कि इसमें अच्छा स्कोर लेने वाले आवेदक इन्हीं ग्रुप की दूसरी परीक्षाओं के लिए स्वत: ही योग्य बन जाएंगे। नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी जो परीक्षा लेगी, उसका परिणाम 3 साल तक मान्य रहेगा यानि 3 साल तक किसी अभ्यार्थी को उक्त ग्रुप में नौकरी लेने के लिए दोबारा से प्रारंभिक परीक्षा नहीं देनी होगी। मौजूदा परीक्षा प्रणाली में संस्थागत तौर पर कई सारी दिक्कतें सामने आती रही हैं।

मौजूदा प्रणाली में आवेदकों को परेशानी

केंद्र और राज्य सरकारों में अलग-अलग भर्ती बोर्ड होते हैं, सभी बोर्ड या आयोग अपने तरीके से विभिन्न पदों के लिए परीक्षाएं आयोजित करते हैं। रेलवे भर्ती बोर्ड का तरीका बिल्कुल अलग है। एसएससी अपने तरीके से विभिन्न पदों पर भर्ती करती है। बैंकिंग सेक्टर ने भी अपने यहां भर्ती के लिए अलग से नियम बना रखे हैं। इन संस्थानों की भर्ती प्रक्रिया में तय मापदंडों का अभाव रहा है। खासतौर पर रेलवे और बैंकिंग सेक्टर की नौकरियों में महिला एवं पुरुष आवेदकों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता था।

117 विशेष परीक्षा केंद्र बनाए जाएंगे

ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं चाहकर भी टेस्ट नहीं दे पाती थीं, अगर परीक्षा केंद्र कई सौ किमी दूर है तो उन्हें कई बार सोचना पड़ता था। एनआरए की आयोजित की जाने वाली सामान्य पात्रता परीक्षा के लिए हर जिले में परीक्षा केंद्र स्थापित होगा। 117 विशेष परीक्षा केंद्र बनाए जाएंगे। ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं को इसका लाभ मिलेगा। वे अपनी पसंद का सेंटर चुन सकेंगे। हालांकि दूसरे आवेदकों को भी पसंद का सेंटर देने का विकल्प दिया गया है।

देश के सभी जिले में परीक्षा केंद्र होंगे

एसएससी, रेलवे भर्ती बोर्ड और इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल सलेक्शन, तीनों की प्रारंभिक परीक्षा अब एक साथ होगी। तीनों एजेंसियों की प्रारंभिक परीक्षा का मापदंड भी एक ही रहेगा। विभिन्न भाषाओं में टेस्ट संभव हो सकेगा। वर्तमान प्रणाली में आवेदकों को अपने घर से बहुत दूरी पर परीक्षा केंद्र अलॉट होता है। जैसे पंजाब का परीक्षार्थी पश्चिम बंगाल या मुंबई में जाकर परीक्षा देने जाता है, ऐसे में उन्हें बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। एनआरए देश के 700 से अधिक जिलों में परीक्षा केंद्र स्थापित करेगी।

मौजूदा प्रणाली में भर्ती प्रक्रिया डेढ़-दो साल में

ध्यान रहे कि केंद्र सरकार में ग्रुप बी और ग्रुप सी के 1.25 लाख पदों पर भर्ती होती है, ढाई करोड़ से ज्यादा आवेदक इन परीक्षाओं में भाग लेते हैं, इस तरह की पचास भर्ती परीक्षाएं हर साल आयोजित होती हैं। भर्ती प्रक्रिया पूरी होने में डेढ़ से दो साल का समय लगता है, कई परीक्षाएं तो ऐसी हैं, जिन्हें चार साल भी लग जाते हैं। अगर किसी परीक्षा में गड़बड़ी या भ्रष्टाचार की शिकायत सामने आती है तो उसकी जांच होती है, ऐसे में पूरी भर्ती प्रक्रिया लटक जाती है, कोर्ट में मामला जाता है तो रिजल्ट आने में देरी होती है।

आवेदकों को उनके अंकों के आधार पर स्कोर

सीईटी सामान्य परीक्षा से आवेदकों की छंटनी करेगी, परीक्षा में बैठने वाले आवेदकों को उनके अंकों के आधार पर एक स्कोर दिया जाएगा। यह स्कोर विभिन्न भर्ती एजेंसियों के साथ साझा किया जाएगा, जब फाइनल चयन प्रक्रिया शुरू होगी तो इस स्कोर को देखा जाएगा। आवेदक एक साथ ही कई परीक्षाओं की प्रारंभिक परीक्षा दे सकेंगे। मौजूदा व्यवस्था में कई बार ऐसा होता है कि एक ही दिन दो परीक्षाएं आ जाती हैं, दोनों के परीक्षा केंद्र भी दूर होते हैं, ऐसे में आवेदक को एक परीक्षा छोड़नी पड़ती है। अब एक दिन में एक ही परीक्षा होगी।

सर्वश्रेष्ठ स्कोर को मान्यता मिलेगी

सीईटी अपने सिस्टम के जरिए सर्वश्रेष्ठ स्कोर को मान्यता देगी। नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी का सामान्य रजिस्ट्रेशन पोर्टल होगा, इसमें प्रश्नपत्र बैंक, सेंट्रल सर्वर, टेस्ट सेंटर, टेस्ट नोड्स और स्कोर बोर्ड रहेगा। सुरक्षित परीक्षा प्रणाली और त्वरित परिणाम आने से आवेदकों की अनेक मुसीबतें खत्म हो जाएंगी। इस परीक्षा प्रणाली में पेपर लीक होने की संभावना पूरी तरह खत्म हो जाएगी।

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