
भारत में वैश्विक महामारी कोरोना अभी अपना विकराल रूप ले चुका है। देश में कोरोना का आंकड़ा 45 लाख को पार कर चुका है, जबकि 76 हजार से ज्यादा लोगों की इससे मौत हो चुकी है, इस बीच एक ऐसा आंकड़ा सामने आया है जो काफी चौंकाने वाला है।
मई में 64 लाख लोग थे कोरोना संक्रमित
आईसीएमआर यानि इंडियन कॉन्सिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने पहला नेशनल सीरोलॉजिकल सर्वे कराया था, जिसके नतीजे सामने आ गए हैं। इस नतीजे में एक चौंकाने वाली बात आई है कि मई, 2020 की शुरुआत में 64 लाख (64,68,388) लोगों के कोरोना वायरस के संपर्क में आने की बात सामने आई है, यानि 0.73 फीसदी वयस्कों के कोरोना से संक्रमित होने की बात है। सर्वे से यह अनुमान लगाया गया था कि आरटी-पीसीआर से कोरोना के प्रत्येक मामले की पुष्टि के लिए भारत में 82-130 संक्रमण थे।
यह सर्वे 11 मई से लेकर 4 जून तक के हैं
सीरो सर्वे के मुताबिक, जिन जगहों पर संक्रमण के मामले उस समय सामने नहीं आए उसके पीछे भी असल वजह ये है कि उन इलाकों में टेस्टिंग फैसलिटी नहीं थी और वहां कोरोना के टेस्ट अच्छी संख्या में नहीं हुए, इसके अलावा जब ये सर्वे कराया गया तो उस समय देश में लॉकडाउन भी लगा हुआ था। यह सर्वे 11 मई से लेकर 4 जून तक के समय के बीच कराया गया और 28,000 लोगों को इस दौरान कवर किया गया जिनके ब्लड सैंपल में एंटीबॉडीज मिलीं जो कि कोविड कवच एलीसा किट के यूज से आती है। इस सर्वे में 18 साल से ऊपर के वयस्क लोगों का सैंपल लिया गया था, सर्वे का सैंपल साइज 28,000 था।
यह सर्वे 21 राज्यों में किया गया था
देश के 21 राज्यों के 70 जिलों में जाकर 700 गांव या वार्ड में इस नेशनल सीरोलॉजिकल सर्वे को किया गया था, इनमें से 181 यानि 25.9 फीसदी शहरी इलाके थे। 18 से 45 साल के बीच के व्यस्कों के लिए किए गए टेस्ट के बीच पॉजिटिवटी देखे तो 43.3 फीसदी लोग पॉजिटिव रहे। 46-60 साल के आयु ग्रुप में से 39.5 फीसदी लोग के पॉजिटिवटी पाई गई और 60 साल से ऊपर के आयु ग्रुप में 17.2 फीसदी पॉजिटिव मामले दिखे।