बोरिस जॉनसन साबरमती आश्रम का दौरा करने वाले ब्रिटेन के पहले प्रधानमंत्री बन गए हैं। दरअसल, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने एक दशक से अधिक समय तक साबरमती आश्रम से ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से स्वतंत्रता के लिए भारत के आंदोलन का नेतृत्व किया था।
जॉनसन ने किया साबरमती आश्रम का दौरा
भारत के अपने दो दिवसीय दौरे पर आए ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने आज 21 अप्रैल 2022 को साबरमती आश्रम का दौरा किया। ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने महात्मा गांधी को ‘असाधारण व्यक्ति’ बताया, जिन्होंने दुनिया को बेहतर बनाने के लिए सत्य और अहिंसा के सिद्धांतों पर जोर दिया। बोरिस जॉनसन साबरमती आश्रम का दौरा करने वाले ब्रिटेन के पहले प्रधानमंत्री बने। इसी साबरमती आश्रम से महात्मा गांधी ने एक दशक से अधिक समय तक ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से स्वतंत्रता के लिए भारत के आंदोलन का नेतृत्व किया था।
जॉनसन ने महात्मा गांधी की प्रशंसा की
बोरिस जॉनसन ने गांधी आश्रम में आगंतुक-पुस्तिका में लिखा कि ‘इस असाधारण व्यक्ति के आश्रम में आना और यह समझना कि उन्होंने दुनिया को बेहतर बनाने के लिए किस प्रकार सत्य और अहिंसा के सरल सिद्धांतों पर बल दिया, यह बहुत बड़ा सौभाग्य है।’ ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने महात्मा गांधी की प्रशंसा की, लेकिन स्वतंत्रता संग्राम के दौरान ब्रिटेन के शासक वर्ग से गांधी के लिए ऐसी प्रशंसा दुर्लभ थी।
जॉनसन ने चरखे पर सूत कातने की कोशिश की
अपनी यात्रा के दौरान बोरिस जॉनसन ‘हृदय कुंज’ गए जहां महात्मा गांधी रहते थे। ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने चरखे पर सूत कातने की भी कोशिश की, साथ ही उन्हें चरखे की प्रतिकृति भी भेंट की गई। साबरमती आश्रम संरक्षण और स्मारक न्यास की ओर से बोरिस जॉनसन को 2 किताबें भेंट की गई हैं, इसमें एक ‘गाइड टू लंदन’ है, जो अप्रकाशित है और इसमें लंदन में कैसे रहा जाए, इसको लेकर महात्मा गांधी के सुझाव हैं, दूसरी किताब मीराबेन की आत्मकथा ‘द स्प्रिट्स पिल्ग्रिम्ज’ है। साबरमती आश्रम दौरे के बाद बोरिस जॉनसन कल यानि 22 अप्रैल 2022 को नयी दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेंगे।