
केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने 15000 करोड़ रुपए से अधिक के बाइक बोट घोटाले की जांच के लिए एफआईआर दर्ज कर ली है। एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि उत्तर प्रदेश स्थित बाइक बोट के मुख्य प्रबंध निदेशक संजय भाटी ने 14 अन्य लोगों के साथ मिलकर देश भर में निवेशकों से करीब 15000 करोड़ रुपए ठगे।
15000 करोड़ रुपए के हुए थे बाइक बोट घोटाले
उत्तर प्रदेश की कंपनी बाइक बोट की ओर से किए गए 15000 करोड़ रुपए के बड़े घोटाले के मामले में सीबीआई ने केस दर्ज किया है। सीबीआई ने इस मामले में कंपनी के चीफ मैनेजिंग डायरेक्टर संजय भाटी और 14 अन्य लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। इन लोगों पर आरोप है कि इन्होंने देश भर में लाखों लोगों से ठगी की है। इस कंपनी के नाम पर लोगों को बाइक टैक्सी में निवेश का ऑफर दिया गया था, इसके तहत 15000 करोड़ रुपए की ठगी की गई और फिर चंपत हो गए। यह घोटाला हीरा कारोबारी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी की ओर से किए गए फ्रॉड से भी बड़ा माना जा रहा है।
ठगी करने के बाद संजय भाटी चंपत हो गए
संजय भाटी ने गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड के नाम से कंपनी बनाई थी, इसके बाद बाइक बोट नाम से स्कीम की शुरुआत की गई, इसके तहत संजय भाटी और उसके साथियों ने निवेशकों को 1,3,5 या फिर 7 बाइकों में निवेश के बाद आकर्षक रिटर्न का ऑफर दिया गया, यह कहा गया कि यह बाइक टैक्सी स्कीम है और इसमें पैसे लगाने पर लोगों को बड़ा रिटर्न मिलेगा। हालांकि, ऐसा कुछ नहीं हुआ और हजारों करोड़ की ठगी करने के बाद संजय भाटी और उसके साथी चंपत हो गए। कहा जा रहा है कि संजय भाटी फिलहाल देश में ही नहीं है।
निवेश के बदले हर महीने रिटर्न का था ऑफर
इस ठगी की स्कीम के तहत लोगों को ऑफर दिया गया था कि वे बाइकों को खरीदने के लिए जो निवेश करेंगे, उसके बदले में उन्हें हर महीने रिटर्न हासिल होगा, इसके अलावा अन्य लोगों को जोड़ने पर कुछ अलग इंसेंटिव देने की भी बात कही गई थी, इसके अलावा कंपनी ने देश के कई शहरों में अपनी फ्रेंचाइजी शुरू करने की भी बात कही। हालांकि, यह स्कीम कहीं भी जमीन पर नहीं उतरी और लोगों से फ्रॉड जारी रहा, इस स्कीम को कंपनी ने 2017 में लॉन्च किया था और 2019 के शुरुआती दिनों तक यह घोटाला लगातार जारी रहा, इस दौरान देश भर से लाखों लोगों ने कंपनी में करीब 15000 करोड़ रुपए का निवेश कर दिया था।
CBI की FIR में पुलिस पर भी उठा सवाल
सीबीआई से पहले इस केस में ईडी ने जांच शुरू की थी, एजेंसी की ओर से कंपनी के प्रमोटरों की 216 करोड़ रुपए की संपत्ति भी जब्त की थी। सीबीआई ने अपनी एफआईआर में लिखा है कि 2 लाख लोगों से ठगी का यह मामला है, इसके तहत कंपनी ने विज्ञापन जारी करके लोगों से स्कीम में निवेश की अपील की थी, इसके अलावा सीबीआई ने अपनी एजेंसी में पुलिस की ढिलाई पर भी सवाल उठाया है। रिपोर्ट के मुताबिक, एसएसपी और एसपी क्राइम ब्रांच ने लोगों से अपनी शिकायतों को वापस लेने के लिए दबाव बनाया था।