
कोरोना वायरस की तीसरी लहर के संभावित खतरों से जूझ रहा भारत दूसरी लहर में ही कोरोना का विकराल रूप देख चुका है। भारत में सरकारी आंकड़ों के हिसाब से 4 लाख 18 हजार से अधिक मौतें हुई हों, मगर अमेरिकी रिपोर्ट में इससे करीब 12 गुना अधिक होने का दावा किया गया है।
भारत में कोरोना से करीब 50 लाख मौत- यूएस रिपोर्ट
भारत को कोरोना वायरस महामारी ने गंभीर रूप से प्रभावित किया है। दुनियाभर में कोरोना संक्रमण के मामले में भारत दूसरे स्थान पर और कोरोना संक्रमितों की मौत के मामले में तीसरे स्थान पर है। दुनियाभर में कोरोना से संक्रमण और मौत के मामलों में अमेरिका पहले स्थान पर है। अमेरिकी रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में जनवरी 2020 से जून 2021 के बीच कोरोना से करीब 50 लाख (4.9 मिलियन) लोगों की मृत्यु हुई है, जिससे यह भारत विभाजन और स्वतंत्रता के बाद से देश की सबसे बड़ी मानव त्रासदी बन गई है।
भारत में करीब 4 लाख 18 हजार लोगों की मौत
ध्यान रहे कि वर्ल्डोमीटर के मुताबिक, भारत में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या 3 करोड़ 12 लाख से ज्यादा है, जबकि कोरोना संक्रमण से अब तक 4 लाख 18 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं कोरोना वायरस का डेल्टा वैरिएंट दुनिया भर में चिंता की एक नई लहर पैदा कर रहा है। अमेरिकी रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कोरोना की पहली लहर अनुमान से ज्यादा घातक थी, दूसरी लहर में हजारों लोग ऑक्सीजन, बेड और टीकों की कमी से मारे गए, लेकिन मार्च 2020 से फरवरी 2021 के दौरान कोरोना महामारी की पहली लहर के आकंड़ों को वास्तविक समय में इकट्ठा ही नहीं किया गया, बहुत संभव है कि उस दौरान मारे गए लोगों की संख्या दूसरी लहर जितनी ही भयानक हो, आज भी देश में सिर्फ 7 फीसदी से कम आबादी का पूर्ण वैक्सीनेशन हुआ है, भारत के वैज्ञानिकों का अनुमान है कि अगस्त 2021 में कोरोना की तीसरी लहर सामने आ सकती है।
सेंटर फॉर ग्लोबल डेवलपमेंट ने जारी किया है रिपोर्ट
वाशिंगटन के अध्ययन संस्थान सेंटर फॉर ग्लोबल डेवलपमेंट की ओर से 20 जुलाई को जारी रिपोर्ट में सरकारी आंकड़ों, अंतरराष्ट्रीय अनुमानों, सेरोलॉजिकल रिपोर्टों और घरों में हुए सर्वे को आधार बनाया गया है। इस रिपोर्ट की खास बात है कि इस रिपोर्ट के ऑथरों में केंद्र की मोदी सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार रहे अरविंद सुब्रमण्यन भी शामिल हैं। अरविंद सुब्रमण्यन, अभिषेक आनंद और जस्टिन सैंडफर ने दावा किया है कि मृतकों की वास्तविक संख्या कुछ हजार या लाख नहीं दसियों लाख है। गौरतलब है कि भारत सरकार द्वारा जारी आंकड़ों पर पहले भी संशय जताया गया है।