
तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने और एमएसपी पर कानून बनाए जाने की मांग को लेकर पिछले साल 26 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन को अब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पोती तारा गांधी का साथ मिल गया गया है।
तारा गांधी आंदोलन स्थल गाजीपुर बॉर्डर पहुंची थीं
महात्मा गांधी की पोती तारा गांधी भट्टाचार्य ने आज 13 फरवरी को किसान आंदोलन का समर्थन देने के लिए आंदोलन स्थल गाजीपुर बॉर्डर पहुंच गईं। भारतीय किसान यूनियन ने कहा कि महात्मा गांधी की पोती तारा गांधी नए कृषि कानून के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में गाजीपुर बॉर्डर पर आईं थीं। गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंची तारा गांधी ने किसानों से शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की अपील की, तारा गांधी के साथ गांधी स्मारक निधि के अध्यक्ष रामचंद्र राही, गांधी स्मारक निधि के निदेशक संजय सिंहा तथा राष्ट्रीय गांधी संग्रहालय के निदेशक ए अन्नामलाई भी आंदोलन स्थल पर पहुंचे हुए थे। ध्यान रहे कि 84 साल की तारा गांधी राष्ट्रीय गांधी संग्रहालय की अध्यक्ष हैं।
मैं सच्चाई के हमेशा खड़ी रहूंगी- तारा
भारतीय किसान यूनियन के एक बयान के मुताबिक, तारा गांधी ने कहा कि हम यहां किसी राजनीतिक कार्यक्रम के तहत नहीं आए हैं, हम आज उन किसानों के लिए आए हैं, जो पूरा जीवन हमको खिलाते हैं, हम आप सभी की वजह से हैं। तारा गांधी ने कहा कि किसानों के हित में देश और हम सभी का लाभ निहित है, उन्होंने किसानों से कहा कि आपके कारण में इतनी सच्चाई है कि यह खुद ही बोलता है, मैं सच्चाई के साथ हूं और हमेशा इसके साथ खड़ी रहूंगी।
अद्भुत
किसानों का आंदोलन अद्भुत है- तारा
गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंची तारा गांधी ने याद दिलाया कि यह क्रांति की धरती है, 1857 में ब्रिटिश शासन से आजादी की पहली लड़ाई पश्चिम उत्तर प्रदेश के मेरठ से ही शुरू हुई थी, इतने दिनों से चल रहा किसानों का आंदोलन अद्भुत है, वयोवृद्ध अवस्था में यहां किसानों के लिए प्रार्थना करने आई हूं। उन्होंने कहा कि मैं चाहती हूं कि कुछ भी हो किसानों का फायदा होना चाहिए, किसान जितनी मेहनत करते हैं उससे कोई भी अनजान नहीं है।