
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत साल 2022 के अंत तक 5 बिलियन (500 करोड़) कोरोना वैक्सीन की डोज का उत्पादन करने के लिए तैयार है। प्रधानमंत्री मोदी ने यह टिप्पणी जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में भारत के योगदान को रेखांकित करते हुए की।
जी-20 शिखर सम्मेलन में शामिल हुए PM मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 अक्टूबर को इटली के रोम में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान कहा कि भारत साल 2022 के अंत तक 5 बिलियन (500 करोड़) कोरोना वैक्सीन की डोज का उत्पादन करने के लिए तैयार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान का हवाला देते हुए विदेश सचिव हर्ष वर्धन श्रंगला ने कहा कि कोरना वैक्सीन की डोज बड़े स्तर पर दुनिया के लिए उपलब्ध रहेंगी। हर्ष वर्धन श्रृंगला ने बताया कि जी-20 सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में भारत के योगदान को रेखांकित किया।
‘वन अर्थ, वन हेल्थ’ के बारे में PM मोदी ने बात की
हर्ष वर्धन श्रंगला ने कहा कि जी-20 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के ‘एक धरती, एक स्वास्थ्य’ (‘वन अर्थ, वन हेल्थ’) दृष्टिकोण के बारे में बात की, जी20 के सत्र में प्रधानमंत्री मोदी ने लचीली वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला की जरूरत पर जोर दिया और भारत के कड़े आर्थिक सुधारों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने भारत को आर्थिक सुधार, आपूर्ति श्रृंखला विविधीकरण में अपना भागीदार बनाने के लिए जी-20 देशों को आमंत्रित किया।
2022 तक 5 अरब वैक्सीन की डोज तैयार होंगे- मोदी
हर्ष वर्धन श्रंगला ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि हम अगले साल 2022 के अंत तक वैक्सीन की 5 अरब से अधिक खुराक का उत्पादन करने के लिए तैयार हैं, यह न केवल हमारे लिए बल्कि दुनिया के लिए उपलब्ध होगा। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने जी-20 बैठक में कहा कि हमें विश्वास है कि डब्ल्यूएचओ द्वारा कोवैक्सीन के आपातकालीन उपयोग की मंजूरी से हमारे लिए अन्य देशों की मदद करने की प्रक्रिया आसान हो जाएगी।
राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मिले PM मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रोम में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात की, इस मुलाकात के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने हिंदी में ट्विट किया कि ‘हम भारत के साथ पर्यावरण, स्वास्थ्य और नव परिवर्तन के लिए समान महत्वाकांक्षाओं को साझा करते हैं, हम ठोस परिणामों की दिशा में मिलकर काम करना जारी रखेंगे, खासकर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में।’