
वैश्विक महामारी कोरोना के जंग के बीच आज देश के लिए बहुत बड़ी खुशखबरी है। भारत को आज पहली स्वदेशी कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन के इस्तेमाल को मिली मंजूरी मिल गई है।
‘कोवैक्सीन’ के इस्तेमाल को मिली मंजूरी
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एसईसी यानि सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (Subject Expert Committee) की बैठक में आज 2 जनवरी को भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी मिल गई है। अब इसे ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) वैक्सीन को मंजूरी देगी। इससे पहले कल 1 जनवरी को ऑक्सफोर्ड एस्ट्रेजेनेका की कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड को भारत में आपातकालीन इस्तेमाल को मंजूरी दे दी गई थी। ध्यान रहे कि एसईसी ही वैक्सीन के इस्तेमाल की प्राथमिक मंजूरी देती है।
कल मिली थी ‘कोविशील्ड’ को हरी झंडी
सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी की आज हुई बैठक में कोविशील्ड वैक्सीन के अन्य पहलुओं पर भी चर्चा की गई। साल 2021 के पहले दिन 1 जनवरी को एक्सपर्ट कमेटी ने सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा तैयार की जा रही ‘कोविशील्ड वैक्सीन’ के आपात इस्तेमाल को मंजूरी दे दी थी, जिसके बाद इसे डीसीजीआई यानि ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया द्वारा फाइनल अप्रूवल मिलना था।
कई राज्यों में कोरोना वैक्सीन का Dry Run
ध्यान रहे कि आज 2 जनवरी से देश के कई राज्यों में कोरोना वैक्सीन का ड्राई रन किया जा रहा है, इसे लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने एक समीक्षा बैठक भी की थी। इससे पहले पंजाब, असम, गुजरात और आंध्र प्रदेश में कोरोना वैक्सीन का ड्राई रन किया गया था, जिसके रिजल्ट काफी सकारात्मक रहे थे।
क्या होता है Dry Run?
ड्राई रन एक तरह से असली वैक्सीन को लाने-ले जाने और रखरखाव की नकली प्रक्रिया है यानि ड्राई रन के दौरान असली दवा की जगह दूसरी दवा या खाली शीशियों को ठीक उसी तरह से ट्रांसपोर्ट करना होगा जैसे असली दवा को किया जाना है, फिर उन्हें अस्पतालों में वैसे ही रखा जाता है जैसे असली दवा को रखा जाना है, एक तरह जितने भी स्टेप असली दवा के लिए उठाए जाते हैं उतने ही काम दूसरी दवा के लिए किए जाते हैं, ताकि अपनी तैयारियों का अनुमान लगाया जा सके।