खुद को संत बताने वाले कालीचरण महाराज को गिरफ्तार कर लिया गया है। कालीचरण महाराज को मध्य प्रदेश के छतरपुर स्थित खजुराहो के एक होटल से रायपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। दरअसल, रायपुर में आयोजित धर्म सभा में महात्मा गांधी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में संत कालीचरण महाराज के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।
कालीचरण को रायपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया
महात्मा गांधी को लेकर अपशब्द बोलने वाले कालीचरण महाराज को रायपुर पुलिस ने खजुराहो के एक होटल से आज 30 दिसंबर को सुबह 4:30 बजे गिरफ्तार कर लिया। काली जुबान वाले कालीचरण महाराज के खिलाफ छत्तीसगढ़ से लेकर महाराष्ट्र तक केस दर्ज हो चुके हैं। महाराष्ट्र पुलिस भी काफी दिनों से कालीचरण की तलाश में थी। दरअसल, रायपुर पुलिस ने कालीचरण महाराज को गिरफ्तार करने के लिए आधा दर्जन टीमें बनाई थीं। ये टीमें महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान समेत अन्य राज्यों में कालीचरण महाराज के संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही थीं। इसी बीच पुलिस को खुफिया सूत्रों से जानकारी मिली की कालीचरण महाराज खजुराहो के एक होटल में हैं और उन्होंने अपने मोबाइल बंद कर रखे हैं, जिसके बाद रायपुर पुलिस ने होटल में दबिश दी और कालीचरण महाराज को गिरफ्तार कर लिया।
कालीचरण ने गांधी पर आपत्तिजनक टिप्पणी की
ध्यान रहे कि गौरतलब है कि 26 दिसंबर 2021 को रायपुर के धर्म संसद में महात्मा गांधी पर संत कालीचरण महाराज ने अपमानजनक टिप्पणी करते हुए उन्हें मारने वाले नाथूराम गोडसे को साष्टांग प्रणाम किया था। इस मामले को लेकर पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने सिविल लाइन और रायपुर निगम के सभापति प्रमोद दुबे ने टिकरापारा थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। महात्मा गांधी पर अपशब्द कहने को लेकर रायपुर पुलिस ने कालीचरण महाराज के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 505 (2) (विभिन्न वर्गों के बीच शत्रुता, घृणा या द्वेष पैदा करने या बढ़ावा देने वाले बयान) तथा 294 (अश्लील कृत्य) के तहत मामला दर्ज किया गया था।
कालीचरण ने बापू को वंशवाद का जनक कहा
एफआईआर दर्ज होने के बाद कालीचरण महाराज ने एक वीडियो जारी कर अपने पुराने बयानों को दोहराया था। वीडियो में कालीचरण ने कहा था कि मुझे अपने बयान पर कोई पश्चाताप नहीं है। मैं गांधी को राष्ट्रपिता नहीं मानता हूं। उन्होंने कहा था कि यदि सच बोलने की सजा मृत्युदंड है तो वह भी मुझे स्वीकार है। कालीचरण ने वीडियो में गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे को महात्मा बताया था। कालीचरण महाराज ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर आरोप लगाए, उसने सरदार पटेल के बजाय नेहरू को प्रधामंत्री बनने पर सवाल उठाया, इतना ही नहीं महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता नहीं वंशवाद का जनक बोला।