यूट्यूबर मनीष कश्यप की मुसीबतें कम होती नहीं दिख रही हैं, सोमवार को उन्हें तमिलनाडु की एक अदालत ने 3 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। मनीष कश्यप को तमिलनाडु में बिहार के प्रवासी मजदूरों के हमले के फर्जी वीडियो पोस्ट करने के आरोप में पुलिस ने पिछले दिनों गिरफ्तार किया था। इससे पहले मनीष कश्यप को 30 मार्च को तमिलनाडु में मदुरै अदालत के समक्ष पेश किया गया था, उन्हें पुलिस ने 29 मार्च को गिरफ्तार किया था। यह कार्रवाई तमिलनाडु के साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में दर्ज एक प्राथमिकी के आधार पर की गई है।
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3 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया
30 मार्च को हुई सुनवाई के दौरान तमिलनाडु पुलिस ने अदालत में मनीष की 7 दिन की पुलिस रिमांड मांगी थी, इसके बाद मनीष कश्यप को 3 दिन की रिमांड पर भेजा गया, इस 3 दिन का समय बीतते ही पुलिस ने एक बार फिर इसकी रिमांड मांगी। अदालत ने पुलिस की अर्जी को मंजूर करते हुए मनीष को फिर से 3 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। मनीष मामले में अब बुधवार को सुनवाई होगी।
मनीष के खिलाफ दर्ज हैं 14 मामले
ध्यान रहे मनीष के खिलाफ बिहार में 13 और तमिलनाडु में 14 मामले दर्ज हैं, इसमें से बिहार में आर्थिक अपराध शाखा ने उसके खिलाफ 3 मामले दर्ज कर रखे थे, इसी पर कार्रवाई करते हुए मनीष और उनकी संस्था के बैंक खातों को फ्रीज कर दिया गया था। हालांकि, तब भी मनीष पुलिस की पकड़ से बाहर था, इसके बाद बिहार पुलिस की टीम मनीष के घर पर कुर्की-जब्ती के लिए पहुंची तो मनीष को थाने में सरेंडर करना पड़ा था, इसके बाद मनीष से ईओयू ने पूछताछ की और फिर उसे ट्रांजिट रिमांड पर तमिलनाडु की पुलिस साथ ले गई थी।
आखिर क्या है पूरा मामला
बिहार के मजदूरों के साथ तमिलनाडु में होने वाली कथित हिंसा को लेकर फेक वीडियो और सूचना फैलाने के मामले में यूट्यूबर मनीष कश्यप से पहले तो बिहार में आर्थिक अपराध शाखा (EOU) ने रिमांड पर लेकर पूछताछ की। सूत्रों की मानें तो ईओयू के सामने मनीष कश्यप ने कई चीजें कबूल कर लीं, उसने कई नामों का भी खुलासा किया है।