केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने परिवहन (ट्रांसपोर्ट) से संबंधित एक बड़ा फैसला लिया है। केंद्र सरकार ने पर्यावरण को प्रदूषित करने वाले पुराने सभी वाहनों पर ग्रीन टैक्स लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
ग्रीन टैक्स लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने पर्यावरण को प्रदूषित करने वाले पुराने वाहनों पर ग्रीन टैक्स लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने आज 25 जनवरी को इसकी जानकारी देते हुए कहा कि केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने पर्यावरण को प्रदूषित करने वाले पुराने सभी वाहनों पर ग्रीन टैक्स के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
8 साल पुराने वाहन पर 10-25 फीसदी टैक्स
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के प्रस्ताव के मुताबिक, 8 साल से अधिक पुराने परिवहन वाहनों को फिटनेस प्रमाणपत्र के नवीकरण के समय ग्रीन टैक्स रोड टैक्स का 10-25 फीसदी की दर से लगाया जा सकता है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के प्रस्ताव के मुताबिक, निजी वाहनों को 15 साल बाद पंजीकरण प्रमाणन के नवीकरण के समय ग्रीन टैक्स लगाया जाएगा, सार्वजनिक परिवहन वाहनों, जैसे सिटी बसों को कम ग्रीन टैक्स वसूला जाएगा, अत्यधिक प्रदूषित शहरों में पंजीकृत वाहनों के लिए उच्च दर पर ग्रीन टैक्स करीब रोड टैक्स का 50 फीसदी वसूला जा सकता है, ये कर ईंधन जैसे पेट्रोल/डीजल और वाहन के प्रकार पर निर्भर करेगा।
ट्रैक्टर, हार्वेस्टर व टिलर पर ग्रीन टैक्स नहीं
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के प्रस्ताव के मुताबिक, हाइब्रिड, इलेक्ट्रिक वाहन और वैकल्पिक ईंधन जैसे सीएनजी, इथेनॉल, एलपीजी आदि जैसे वाहनों को छूट दी जाएगी। खेती में उपयोग होने वाले वाहन जैसे ट्रैक्टर, हार्वेस्टर, टिलर आदि को ग्रीन टैक्स से छूट दिए जाने का प्रावधान किया गया है।
प्रस्ताव को राज्यों के पास भेजा जा रहा है
इस प्रस्ताव को अधिसूचित करने से पहले इस मामले में राज्यों से सलाह ली जाएगी, इस प्रस्ताव को राज्यों के पास भेजा जा रहा है। ध्यान रहे कि इस प्रस्ताव के तहत 15 वर्ष से अधिक पुराने सभी सरकारी वाहनों का पंजीयन 1 अप्रैल, 2022 से रद कर दिया जाएगा और वे कबाड़ घोषित कर दिए जाएंगे, जल्द ही इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी जाएगी।
ग्रीन टैक्स के लगने से कई फायदे
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के प्रस्ताव के मुताबिक, ग्रीन टैक्स से एकत्र होने वाले राजस्व को अलग खाते में रखा जाएगा और उसका इस्तेमाल प्रदूषण पर काबू पाने में किया जाएगा। ग्रीन टैक्स के लगने से कई फायदे होंगे, लोग प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों का कम इस्तेमाल करेंगे, ग्रीन टैक्स की वजह से लोग नए और कम प्रदूषण वाले वाहन अपनाएंगे।
65-70 फीसदी प्रदूषण कॉमर्शियल वाहनों से
गौरतलब है कि वाहनों से होने वाले प्रदूषण में करीब 65-70 फीसदी हिस्सेदारी कॉमर्शियल वाहनों की होती है, जबकि कुल वाहनों में कॉमर्शियल वाहनों की संख्या करीब 5 फीसदी है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुमान के मुताबिक, वाहनों से होने वाले प्रदूषण में वर्ष 2000 से पहले निर्मित वाहन 15 फीसदी का योगदान रखते हैं, हालांकि कुल वाहनों में इनकी संख्या करीब 1 फीसदी से भी कम है।