बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा के सीनियर नेता सुशील मोदी के उस दावे को ‘बकवास और फर्जी’ बताया जिसमें सुशील मोदी ने बताया था कि नीतीश कुमार भारत के उपराष्ट्रपति बनना चाहते थे।
उपराष्ट्रपति बनने वाली बकवास व फर्जी- नीतीश
पटना आज 11 अगस्त 2022 को मीडिया ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सवाल किया कि क्या उपराष्ट्रपति नहीं बनाए जाने के कारण उन्होंने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) छोड़ा। मीडिया के इस सवाल पर नीतीश कुमार ने कहा कि हमारे उपराष्ट्रपति बनने की इच्छा वाली बात बकवास है और फर्जी है, हमारी ऐसी कोई इच्छा नहीं थी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव में हमारी पार्टी ने पूरी तरह से एनडीए उम्मीदवार को समर्थन दिया था, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव के बाद ही हमने पार्टी की बैठक की।
उन लोगों के विषय में कुछ नहीं कहना- नीतीश
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के दावे के बारे में नीतीश ने कहा कि सुशील कुमार मोदी जी को उनकी पार्टी ने कुछ नहीं बनाया तो वे इस तरह की बात बोल रहे हैं, वे इतना मेरे खिलाफ बोलते रहे ताकि उनको जगह मिल जाए, उन लोगों के विषय में हमे कुछ भी नहीं कहना है।
2020 में मैं नहीं बनना चाहता था सीएम- नीतीश
नीतीश कुमार ने दावा किया कि 2020 विधानसभा चुनाव के बाद हम मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहते थे, हमारी पार्टी के कार्यकर्ता उनके उम्मीदवारों को जिताने में लगे थे और वो लोग हमारी पार्टी के उम्मीदवारों को हराने में लगे थे, हमारी पार्टी के लोगों की उनके साथ रहने की इच्छा नहीं थी, उनसे अलग होकर हम फिर से इनके (महागठबंधन) साथ आ गए हैं और मिलकर काम करेंगे।