जेपी-लोहिया के विचारों को सिलेबस से हटाने पर भड़का विपक्ष, विपक्ष की घेराबंदी से बैकफुट पर नीतीश सरकार

बिहार के जेपी यूनिवर्सिटी, छपरा में राजनीति विज्ञान के सिलेबस से जेपी और लोहिया के विचारों को बाहर किए जाने पर बिहार की विपक्षी पार्टी ने बिहार की नीतीश सरकार को घेरा जिसके बाद नीतीश सरकार अब बैकफुट पर आ गई है।

जेपी-लोहिया को सिलेबस से हटाने पर भड़का विपक्ष
जेपी यूनिवर्सिटी के सिलेबस से जेपी और लोहिया के विचारों को हटाने के आरोपों और विपक्ष की घेराबंदी के बीच आज 3 सितंबर को नीतीश सरकार बैकफुट पर नजर आ रही है। इस मामले आज जेपी यूनिवर्सिटी के वीसी और रजिस्ट्रार को पटना सचिवालय तलब किया गया। कई घंटों की मीटिंग के बाद खुद बिहार के शिक्षा मंत्री विजय चौधरी मीडिया के सामने आए और कहा कि सिलेबस से जेपी और लोहिया के विचारों को हटाने का फैसला न सिर्फ अनुचित है बल्कि इसमें सामान्य परंपरा का भी पालन नहीं किया गया।

जेपी-लोहिया मामले को सरकार ने गंभीरता से लिया
शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि यह स्थापित मान्यता है कि बिहार के विश्वविद्यालयों से संबंधित कोई भी नियम, परिनियम, ऑर्डिनेंस (जिसमें पाठ्यक्रम भी शामिल हैं) सरकार के बिहार राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद की सहमति के बाद ही लागू किया जाता है, लेकिन इस मामले में इसका पालन नहीं किया गया है जिसे बिहार सरकार ने बेहद गंभीरता से लिया है।

बिहार में जेपी जनभावना से जुड़े हुए हैं- विजय चौधरी
विजय चौधरी ने कहा कि साल 2018 में नई शिक्षा नीति के क्रम में सीबीसीएस के तहत चांसलर (राज्यपाल) के स्तर से एक कमेटी गठित की गई थी, जिसने पाठ्यक्रमों में संशोधन का प्रस्ताव दिया था, वो प्रस्ताव चांसलर के जरिए सभी विश्वविद्यालयों को भेजी गई, विश्वविद्यालय के स्तर पर उसकी समीक्षा होनी चाहिए थी, जो कि नहीं हुई। उन्होंने कहा कि सीबीसीएस के तहत भी जेपी और लोहिया के विचारों को पाठ्यक्रम से बाहर किए जाने की बात उनकी समझ से बाहर है, बिहार में जेपी जनभावना से जुड़े हुए हैं, बिहार समाजवाद और साम्यवाद के पनपने की धरती रही है।

जेपी-लोहिया मामले पर नीतीश ने आश्चर्य व्यक्त किया
विजय चौधरी ने कहा कि इस मामले के सामने आने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घोर आश्चर्य और क्षोभ व्यक्त किया था और तत्काल इसके निराकरण का निर्देश दिया था। उन्होंने कहा कि महामहिम राज्यपाल के संज्ञान में भी ये बात लाई गई है, फिलहाल वे बिहार से बाहर हैं और वापस आकर इसमें आवश्यक सुधार कराने का उन्होंने भरोसा दिलाया है।

सरकार ने पूरी तत्परता से कार्रवाई की- विजय चौधरी
विजय चौधरी ने कहा कि मीडिया के जरिए यह मामला सामने आने पर कुलपति और कुलसचिव को स्थिति स्पष्ट करने को कहा गया था, लेकिन संतोषजनक जानकारी नहीं मिलने पर दोनों पदाधिकारियों को शिक्षा विभाग सचिवालय बुलाकर इसकी पृष्ठभूमि स्पष्ट करने को कहा गया, इतना ही नहीं हमने शिक्षा विभाग को राज्य के अन्य विश्वविद्यालयों से भी पाठ्यक्रमों में पिछले दिनों किए गए बदलावों की जानकारी मंगाने के लिए निर्देशित किया है। उन्होंने कहा कि चूंकि विश्वविद्यालय सीधे सरकार के नियंत्रण में नहीं आते इसलिए वहां हो रही गतिविधियों की जानकारी सरकार तक पहुंचने में समय लगता है, लेकिन जैसे ही ये जानकारी सरकार के संज्ञान में आई, सरकार ने पूरी तत्परता से कार्रवाई की।

लालू प्रसाद ने नीतीश सरकार को घेरा
ध्यान रहे कि जेपी यूनिवर्सिटी, छपरा में राजनीति विज्ञान के सिलेबस से जेपी और लोहिया के विचारों को बाहर किए जाने को लेकर लालू प्रसाद यादव ने नीतीश सरकार को घेरा था। लालू प्रसाद ने ट्विट करते हुए लिखा था, ‘मैंने जयप्रकाश जी के नाम पर अपनी कर्मभूमि छपरा में 30 वर्ष पूर्व जेपी विश्वविद्यालय की स्थापना की थी, अब उसी यूनिवर्सिटी के सिलेबस से संघी बिहार सरकार तथा संघी मानसिकता के पदाधिकारी महान समाजवादी नेताओं जेपी-लोहिया के विचार हटा रहे हैं, यह बर्दाश्त से बाहर है, सरकार तुरंत संज्ञान लें।’ लालू प्रसाद के इस ट्विट के बाद तमाम विपक्षी पार्टियों ने इस मुद्दे पर बिहार सरकार को घेरा और आखिरकार सरकार को इस फैसले को पलटना पड़ा।

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