राकेश टिकैत ने कहा- दिल्ली-NCR, यूपी व उत्तराखंड में कल नहीं होगा चक्का जाम…जानिए इसके पीछे की वजह

भारतीय किसान यूनियन के नेता व राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत का आज 5 फरवरी को बड़ा बयान सामने आया है। राकेश टिकैत ने कहा है कि कल 6 फरवरी को दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में चक्का जाम नहीं होगा।

यूपी-उत्तराखंड में नहीं होगा चक्का जाम
किसानों संगठनों द्वारा शनिवार 6 फरवरी को प्रस्तावित देशव्यापी ‘चक्का जाम’ के बारे में भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने आज शाम को यह साफ कर दिया कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में चक्का जाम नहीं किया जाएगा, इन दोनों राज्यों में जिला मुख्यालय पर किसान कृषि कानूनों के विरोध में केवल ज्ञापन सौंपेंगे। ध्यान रहे कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन पिछले साल 26 नवंबर से जारी है, ऐसे में कल 6 फरवरी को एक बार फिर किसान देशभर में आंदोलन करेंगे तथा साथ ही दोपहर 12 बजे से दोपहर 3 बजे तक चक्का जाम करेंगे।

यूपी-उत्तराखंड में लोग स्टैंडबाय में रखे गए हैं
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में चक्का जाम टालने के बारे में राकेश टिकैत ने बताया कि इन दोनों राज्यों के लोगों को स्टैंडबाय में रखा गया है और उन्हें कभी भी दिल्ली बुलाया जा सकता है, इसलिए उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड के लोग अपने ट्रैक्टरों में तेल-पानी डालकर तैयार रहें। टिकैत ने कहा कि इन दोनों राज्यों को छोड़कर अन्य सभी जगहों पर तय योजना के मुताबिक, शांतिपूर्ण ढंग से काम होगा।

दिल्ली-एनसीआर में तो पहले से चक्का जाम- टिकैत
दिल्ली-एनसीआर के बारे में पूछे जाने पर राकेश टिकैत ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में तो पहले से चक्का जाम है, इसलिए दिल्ली-एनसीआर को इस जाम में शामिल नहीं किया गया है। हिंसा के डर से इन जगहों पर चक्का जाम टालने के सवाल पर टिकैत ने कहा कि हमारे कार्यक्रमों में कहीं हिंसा नहीं होती, कई जगहों पर हुई महापंचायतें इसका प्रमाण हैं, इस दौरान उन्होंने कहा कि हम केंद्र सरकार से बात करना चाहते हैं, केंद्र सरकार कहां पर है, वो हमें नहीं मिल रही है।

मैं युवाओं को मिट्टी से जोड़ना चाहता हूं- टिकैत
राकेश टिकैत ने कहा कि गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने जहां कीलें लगवाई थीं, इसके जवाब में अब हम वहां फूल उगाएंगे, इसके लिए आज दो डंपर मिट्टी मंगाई गई है। उन्होंने कहा कि वह सभी किसानों से अपील करेंगे कि आंदोलन में हिस्सा लेने आ रहे लोग अपने खेतों में से मिट्टी साथ लेकर आएं और वापस जाते समय यहां से मिट्टी वापस लेकर जाएं और उसे अपने खेतों में मिला दें, यह मिट्टी उन्हें किसानों के संघर्ष की कहानी याद दिलाएगी। टिकैत ने कहा कि यह किसान क्रांति की मिट्टी है, इसे वह गांव-गांव पहुंचाएंगे, मैं युवाओं को मिट्टी से जोड़ना चाहता हूं।

किसानों का आंदोलन आज 72वें दिन भी जारी
किसान आंदोलन की आगे की रणनीति को लेकर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत और भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) के अध्यक्ष बलबीर सिंह राजेवाल के बीच आज गाजीपुर बॉर्डर पर हुई बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया है। गौरतलब है कि तीन कृषि कानूनों पर जारी गतिरोध के चलते दिल्ली के सीमाओं गाजीपुर, टीकरी और सिंघु बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन आज 72वें दिन भी जारी है।

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