
बिहार चुनाव में वोटिंग से पहले महागठबंधन का दूसरा विकेट गिर गया है, सुगौली से वीआईपी प्रत्याशी शशि भूषण सिंह का नामांकन रद्द होने के बाद अब मोहनिया से राजद प्रत्याशी श्वेता सुमन का नामांकन भी रद्द हो गया है।
शशि भूषण सिंह के बाद श्वेता सुमन का भी नामांकन रद्द
बिहार चुनाव के वोटिंग से पहले महागठबंधन को 2 सीटों का नुकसान हो गया है। सुगौली विधानसभा सीट से वीआईपी प्रत्याशी शशि भूषण सिंह का नामांकन रद्द होने के बाद मोहनिया सीट से राजद प्रत्याशी श्वेता सुमन का भी नामांकन रद्द हो गया है। दरअसल, भाजपा द्वारा श्वेता सुमन पर आरोप लगाया गया था कि वह उत्तर प्रदेश की रहने वाली हैं और गलत तरीके से जाति प्रमाण पत्र बनवाकर मोहनिया आरक्षित सीट से और आरक्षण का लाभ ले रही हैं। इस आधार पर श्वेता सुमन का नामांकन रद्द करने के लिए आवेदन दिया गया था। इस आपत्ति पर सुनवाई करते हुए श्वेता सुमन को अपना पक्ष रखने के लिए मोहनिया के निर्वाचन पदाधिकारी ने बुलाया था। मोहनिया के निर्वाचन पदाधिकारी के समक्ष बुधवार को अपना पक्ष रखने के बाद जब उनके कमरे से श्वेता सुमन बाहर निकली तो उन्होंने कहा कि उनका नामांकन रद्द कर दिया गया है, उनका नामांकन सरकार के इशारे पर जान बूझकर गलत तरीके से रद्द किया गया है।
श्वेता सुमन ने सरकार पर लगाया आरोप
श्वेता सुमन ने कहा कि जन सुराज पार्टी के प्रत्याशी गीता पासी का नामांकन स्वीकार कर लिया गया है, जबकि दोनों लोगों पर एक ही तरह का आरोप था। दोनों प्रत्याशियों पर यही आरोप था कि हमारा मायके उत्तर प्रदेश में है और हम यहां से जाति प्रमाण पत्र बनवाकर आरक्षण का लाभ ले रहे हैं। यह पूरी तरह से सरकार के इशारे पर किया गया है। ध्यान रहे कि राजद प्रत्याशी श्वेता सुमन और जन सुराज की प्रत्याशी गीता देवी पर गलत तरीके से जाति प्रमाण पत्र बनवाकर आरक्षित सीट पर आरक्षण का लाभ लेने की शिकायत निर्वाचन पदाधिकारी से की गई थी, जिस पर निर्वाचन पदाधिकारी अनिरुद्ध पांडे के द्वारा जन सुराज की प्रत्याशी गीता देवी के नामांकन को वैध बताते हुए स्वीकार कर लिया गया, जबकि राजद उम्मीदवार श्वेता सुमन के नामांकन को रद्द कर दिया गया।