
दिल्ली विकास प्राधिकरण यानि डीडीए ने दिल्ली की 1731 अनधिकृत कॉलोनियों में मालिकाना हक देने जा रहा है, जल्द ही इन कॉलोनियों को नियमित करने की प्रक्रिया भी प्रारंभ करेगा। इन कॉलोनियों के पुनर्विकास के लिए विकास मानक भी तैयार कराए जा रहे हैं, जो जल्द ही अधिसूचित कर दिए जाएंगे।
पहले चरण में 400 कॉलोनियां होंगी नियमित
डीडीए ने दिल्ली की 1731 अनधिकृत कॉलोनियों में मालिकाना हक देने जा रहा है, जल्द ही इन कॉलोनियों को नियमित करने की प्रक्रिया भी प्रारंभ करेगा। इस कड़ी में पहले चरण में करीब 400 कॉलोनियों को शामिल किए जाने की योजना है। इन कॉलोनियों के पुनर्विकास के लिए विकास मानक भी तैयार कराए जा रहे हैं, जो जल्द ही अधिसूचित कर दिए जाएंगे। गौरतलब है कि नियमितिकरण की राह पर दशकों से सियासी रस्साकशी का शिकार रही अनधिकृत कॉलोनियों में मालिकाना हक देने की शुरुआत 16 दिसंबर, 2019 से हुई थी।
अब संपत्ति पर बैंक ऋण भी ले सकेंगे
मालिकाना हक मिलने के पश्चात इन संपत्तियों की रजिस्ट्री भी हो रही है और अब उन पर बैंक से ऋण भी मिल सकेगा। यहां पेच यह फंस रहा था कि मालिकाना हक भले मिल जाए, लेकिन तय मानकों पर खरा न उतरने के कारण इनका नियमितिकरण आसान नहीं था। हालांकि डीडीए ने जब इन सभी कॉलोनियों का सर्वे किया तो वास्तविकता वह नहीं निकली, जो बताई जा रही थी। डीडीए अधिकारियों के मुताबिक, कई सौ अनधिकृत कॉलोनियां ऐसी हैं जो थोड़े प्रयासों से भी विकास मानकों की कसौटी पर खरा उतर सकती हैं। दरअसल, केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय की संस्तुति से इनके लिए जो विकास मानक तय किए जा रहे हैं, उनमें कुछ रियायत भी दी जा रही है।
कॉलोनियों के विकास मानकों का ड्राफ्ट अंतिम चरण में
किसी सामान्य कॉलोनी में अगर 18 मीटर की सड़क होनी चाहिए तो इन कॉलोनियों में यह मानक 13-14 मीटर का रखा जा सकता है। काफी कॉलोनियों में पेयजल व सीवर की लाइन भी डली हुई है, पार्क नहीं बने हैं, लेकिन खुला स्थान छूटा हुआ है। बिजली का नेटवर्क है, तो नालियां भी बनी हुई हैं। लिहाजा, थोड़ा बहुत पुनर्विकास करके इन्हें नियमित किया जा सकेगा। डीडीए अधिकारियों के मुताबिक, इन कॉलोनियों के विकास मानकों का ड्राफ्ट अंतिम चरण में हैं, जल्द ही उन्हें अधिसूचित कर दिया जाएगा।
कई सौ कॉलोनियां आसानी से नियमित हो जाएंगी
इसके बाद चहले चरण में करीब 400 कॉलोनियों का पुनर्विकास कर उन्हें नियमित करने की प्रक्रिया शुरू दी जाएगी। अगले चरण में जिन-जिन कॉलोनियों में वहां के निवासियों का सहयोग मिलता जाएगा, उनके पुनर्विकास का खाका भी तैयार कर लिया जाएगा। डीडीए के उपाध्यक्ष अनुराग जैन का कहना है कि दिल्ली को बेहतर ढंग से संवारने के लिए अनधिकृत कॉलोनियां का पुनर्विकास भी जरूरी है, इनके विकास मानक जल्द तैयार हो जाएंगे, हमें उम्मीद है कि कई सौ कॉलोनियां आसानी से नियमित हो जाएंगी।