
देश की राजधानी दिल्ली में बिल्डर की मनमानी की वजह से एक व्यक्ति जिंदगी और मौत के बीच अस्पताल में जूझ रहा है। मामला राजधानी दिल्ली के बुराड़ी इलाके के संत नगर का है, जहां एक निर्माणाधीन इमारत की दीवार पड़ोस के एक मकान पर गिर गया, जिसमें पड़ोसी का मकान ध्वस्त हो गया। साथ ही पड़ोसी को गंभीर चोटें आई है, वो अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहा है।
क्या है मामला
मामला सोमवार रात की है, जब दिल्ली में तेज आंधी आई थी, इसी दौरान दिल्ली के वेस्ट संतनगर स्थित गली नंबर 15D में स्थित एक निर्माणाधीन इमारत की दीवार पड़ोस के एक मंजिला इमारत पर गिर गई।
पड़ोसी का मकान ध्वस्त
निर्माणाधीन इमारत की दीवार गिरने से पड़ोसी का एकमंजिला मकान ध्वस्त हो गया। पड़ोसी के मकान की किचेन और बाथरुम की छत पूरी तरह से ध्वस्त हो गया, छत पर स्थित पानी की टंकी भी धाराशायी हो गई।
पड़ोसी की हालत गंभीर
निर्माणाधीन इमारत की दीवार गिरने की वजह से पड़ोसी केएन पांडे का मकान मलबे में तब्दील हो गया और वे खुद मलबे के नीचे दब गए, जबकि परिवार के बाकी सदस्य दूसरे कमरे में थे, जो सुरक्षित हैं। हादसे के दौरान इतनी तेज आवाज आई कि आसपास के लोगों दौड़ पड़े।
पड़ोसियों ने की मदद
हादसे के बाद चीख पुकार मच गई। सभी पड़ोसी अपने-अपने घरों से दौड़े, जान की परवाह किए बिना उसी गली में रहने वाले संदीप कुमार, अभिषेक कुमार, विक्की, आर्यन समेत कई लोग मदद के लिए दौड़ पड़े और मलबे में फंसे केएन पांडे को निकाला। पड़ोसियों ने ही गंभीर रुप से घायल केएन पांडे को इलाज के लिए अस्पताल ले गए।
अस्पताल का चक्कर लगाते रहे
केएन पांडे के पड़ोसी इलाज के लिए पहले संत नगर के ही प्राइवेट अस्पताल ले गए, जहां से उन्हें सिविल लाइन्स स्थित ट्रॉमा सेंटर ले जाने को कहा गया, जिसके बाद पड़ोसी उन्हें ट्रॉमा सेंटर ले गए, लेकिन वहां भी डॉक्टर उपलब्ध नहीं थे। बताया गया की चार घंटे बाद डॉक्टर आएंगे, जिसके बाद पड़ोसियों ने अपने खर्चे पर ही उन्हें तीस हजारी कोर्ट के पास स्थित सेंट स्टीफन हॉस्पीटल में भर्ती कराया।
खराब मैटेरियल के इस्तेमाल का आरोप
बताया जा रहा है कि जिस बिल्डिंग की दीवार गिरी है उसे एक बिल्डर बनवा रहा है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि बिल्डिंग में खराब मैटेरियल का इस्तेमाल किया जा रहा है। साथ ही बिल्डिंग का अवैध निर्माण भी किया गया है, जिसकी वजह से हादसा हुआ है। गली नंबर 15D में रहने वाले लोगों का आरोप है कि घटिया सामग्री और अवैध निर्माण को लेकर कई बार कहासुनी भी हुई थी, इसके बावजूद वो नहीं माना। लोगों का आरोप है कि बिल्डर का पुलिस और एमसीडी से सांठगाठ है, क्योंकि वो बार-बार कहता था कि जहां शिकायत करनी है कर दो, सबका पैसा जाता है।
पुलिस पर मामले को दबाने का आरोप
पीड़ित परिवार का आरोप है कि पुलिस किसी तरह मामले को दबाना चाह रही है। घटना के 12 घंटे से ज्यादा बीत जाने के बावजूद अब तक आरोपी बिल्डर पर ना तो कार्रवाई हुई है और ना ही कोई प्राथमिकी दर्ज की गई है, सिर्फ कार्रवाई के नाम पर लीपापोती किया जा रहा है। स्थानीय लोग भी पुलिस पर मिलीभगत का आरोप लगा रहे हैं।