
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए सभी 243 सीटों पर नामांकन प्रक्रिया खत्म हो गई। 6 नवंबर को पहले चरण की वोटिंग होगी, फिर 11 नवंबर को दूसरे चरण की। 14 नवंबर 2025 को नतीजे आएंगे।
एनडीए में कौन से घटक दल कितने सीटों पर चुनाव लड़ेंगे, यह साफ हो गया है, लेकिन महागठबंधन ने नॉमिनेशन खत्म होने के बाद भी ऑफिशियल डेटा जारी नहीं किया गया कि कौन सी पार्टी कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी। महागठबंधन में राजद, कांग्रेस, सीपीआई, सीपीआई-एम, सीपीआई-एमएल, वीआईपी और आईआईपी है, जबकि एनडीए में भाजपा, जदयू, एलजेपी-आर, हम और आरएलएम है। अब हम जानेंगे कि वोटिंग से पहले महागठबंधन और एनडीए की क्या पोजिशन है……
पॉइंट 1- सीट शेयरिंग का फॉर्मूला क्या है?
महागठबंधन- नॉमिनेशन खत्म होने के बाद भी सीट शेयरिंग क्लियर नहीं।
नामांकन खत्म होने यानी 20 अक्टूबर की शाम तक महागठबंधन में कौन सी पार्टी कितनी सीटों पर चुनाव लड़ रही है। यह क्लियर नहीं है। न किसी पार्टी ने मीडिया को सीट शेयरिंग का फॉर्मूला बताया है और न ही सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है।
• राजद ने नामांकन के आखिरी दिन 20 अक्टूबर को 143 सीटों पर अपने प्रत्याशियों का ऐलान किया। इसमें 5 सीटें ऐसी हैं, जिस पर कांग्रेस ने भी प्रत्याशी उतारे हैं।
• कांग्रेस ने 5 लिस्ट जारी कर 60 प्रत्याशियों के नाम का ऐलान किया है।
• 18 अक्टूबर को भाकपा माले ने 20 प्रत्याशियों का ऐलान एक्स पर पोस्ट कर किया।
• मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी ने 18 और 19 अक्टूबर को 2 लिस्ट जारी की, इसमें कुल 15 प्रत्याशियों के नाम हैं।
• सीपीआई-एम ने 17 अक्टूबर को एक्स पर एक पोस्ट जारी किया, इसमें 4 प्रत्याशियों के नाम हैं।
• सीपीआई के 11 प्रत्याशियों ने नामांकन किया, इसमें 1 प्रत्याशी का नामांकन रद्द हो गया, उसके एब 10 प्रत्याशी मैदान में हैं।कुल मिलाकर देखें तो महागठबंधन बिना सीट शेयरिंग के फॉर्मूले को सार्वजनिक किए चुनाव लड़ रहा है।
एनडीए- चुनाव ऐलान के 6 बाद ही सीट शेयरिंग तय।
चुनाव के ऐलान के 6 दिन बाद 12 अक्टूबर की शाम एनडीए ने सीट बंटवारे का ऐलान कर दिया। भाजपा-जदयू को 101-101, चिराग की एलजेपी-आर को 29, जीतन राम मांझी की हम और उपेंद्र कुशवाहा के आरएलएम को 6-6 सीटें मिली।
• जदयू ने 15 अक्टूबर को 57 और 16 अक्टूबर को 41 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दिया।
• भाजपा ने 14 और 15 अक्टूबर को 3 लिस्ट जारी कर सभी 101 सीटों के प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया।
• केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने 14 अक्टूबर की शाम अपने सभी 6 प्रत्याशियों को सिंबल बांट दिए।
• चिराग पासवान ने 15 और 16 अक्टूबर को दो लिस्ट जारी कर अपने सभी 29 सीटों पर प्रत्याशियों उतार दिए।
• 15 और 16 अक्टूबर को उपेंद्र कुशवाहा ने दो लिस्ट जारी कर सभी 6 प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दिया।
पॉइंट 2- नॉमिनेशन प्रक्रिया पूरी, किस पार्टी ने कितनी सीटों पर किया नामांकन?
महागठबंधन- 243 में सीट पर 255 उम्मीदवार उतारे, 12 सीटों पर फ्रेंडली फाइट।
• महागठबंधन के घटक दलों ने 243 सीटों की तुलना में 255 प्रत्याशी चुनावी मैदान में है। 12 सीटों पर महागठबंधन में ही फ्रैंडली फाइट होने के आसार हैं।
• राजद और कांग्रेस 6 सीटों पर आमने-सामने हैं। ये सीटें हैं- नरकटियागंज, वैशाली, कहलगांव, सिकंदरा, वारिसलीगंज और सुल्तानगंज। 20 अक्टूबर को कांग्रेस प्रत्याशी ने लालगंज से अपना नाम वापस ले लिया।
• सीपीआई और कांग्रेस 4 सीटों पर आमने-सामने हैं। ये सीटें हैं- बछवाड़ा, राजापाकड़, करगहर और बिहारशरीफ। इसके अलावा रोसड़ा में भी सीपीआई ने प्रत्याशी दिया था, लेकिन उनका नामांकन रद्द हो गया।
• आईपी गुप्ता की पार्टी आईआईपी और कांग्रेस बेलदौर सीट पर आमने-सामने हैं। आईपी गुप्ता को 3 सीटें सहरसा, जमालपुर और बेलदौर मिली है।
• राजद और वीआईपी ने चैनपुर सीट पर अपना-अपना प्रत्याशी उतार दिया है। यहां भी फ्रेंडली फाइट के आसार हैं। वहीं, राजद ने गौरा बौराम सीट से नामांकन के बाद प्रत्याशी वापस लेने का फैसला किया है। यह सीट वीआईपी को दी गई है।
• हालांकि, दूसरे फेज के नाम वापसी का आखिरी दिन 23 अक्टूबर है। हो सकता है कि कुछ प्रत्याशी वापस हो जाएं।
एनडीए- 243 सीटों पर उम्मीदवार उतारे, 1 पर नॉमिनेशन कैंसिल।
• एनडीए के सभी पांचों दलों के प्रत्याशियों ने अपने-अपने हिस्से की तय सीटों पर नामांकन कर दिया है। मतलब एनडीए की तरफ से हर सीट पर एक प्रत्याशी हैं।
• सिर्फ मढ़ौरा सीट पर एलजेपी-आर की प्रत्याशी सीमा सिंह का नामांकन नाम में गलती होने के कारण रद्द हो गया है। इस तरह फिलहाल 243 में से एक कम 242 सीटों पर एनडीए के प्रत्याशी हैं।
पॉइंट 3- दोनों गठबंधनों ने सीएम फेस का ऐलान किया है कि नहीं?
महागठबंधन- तेजस्वी खुद सीएम फेस बता रहे हैं, लेकिन रजामंदी नहीं।
• सीएम फेस के नाम पर महागठबंधन में तनातनी है। कांग्रेस तेजस्वी को सीएम फेस नहीं बना रही है और न ही उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ने की बात कह रही है। कांग्रेस की तरफ से सीएम फेस के सवाल पर सीधा जवाब नहीं दिया जा रहा है।
• 24 अगस्त 2025 को वोटर अधिकार यात्रा के दौरान अररिया में सीएम फेस के सवाल पर राहुल गांधी कन्नी काट गए। उन्होंने कहा कि हम सभी साथ काम कर रहे। एक-दूसरे का सम्मान करते हुए वैचारिक और राजनीतिक धरातल पर एकजुट होकर काम कर रहे हैं।
• सिर्फ कांग्रेस सांसद व कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह लगातार कह रहे हैं कि तेजस्वी यादव ही हमारी तरफ से सीएम फेस हैं।
• मुकेश सहनी और लेफ्ट की तीनों पार्टियों (माले, भाकपा, माकपा) को तेजस्वी के नाम के ऐलान पर ऐतराज नहीं है, लेकिन कांग्रेस के कारण उनके नाम का ऐलान नहीं हो पा रहा है।
• मतलब अब तक महागठबंधन चुनाव में बिना सीएम फेस और नेतृत्व के आगे बढ़ रहा है।
एनडीए- नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ रहे, लेकिन सीएम फेस पर कंफ्यूजन।
• एनडीए ने अगले मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान तो नहीं किया गया है, लेकिन सभी घटक दलों में एक राय है कि चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ रहे हैं।
• प्रधानमंत्री मोदी से लेकर अमित शाह, चिराग पासवान, जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा तक कह चुके हैं कि चुनाव में एनडीए का नेतृत्व नीतीश कुमार ही करेंगे।
• हालांकि, समय-समय पर भाजपा नेताओं का कहना है कि चुनाव बाद विधायक अपना नेता चुनेंगे। वहीं, जदयू लगातार 25 से 30 नीतीश कुमार का नारा दे रही है।
पॉइंट 4- दोनों गठबंधन किस तरह बागियों को मना रहे हैं? डैमेज कंट्रोल कैसे हो रहा है?
महागठबंधन- राजद-कांग्रेस के बीच बातचीत बंद होने की खबर।
• महागठबंधन में सबकुछ ठीक-ठाक नहीं है। यहां तक की गठबंधन की दो बड़ी पार्टियां राजद-कांग्रेस के बीच बातचीत बंद होने की खबरें आ रही हैं।
• तेजस्वी यादव 12 और 13 अक्टूबर को दिल्ली में थे। तेजस्वी यादव ने 13 अक्टूबर को केसी वेणुगोपाल और बिहार कांग्रेस के नेताओं से मुलाकात की थी, लेकिन बात नहीं बनी।
• वेणुगोपाल से मुलाकात के बाद तेजस्वी पटना लौटे और अपने प्रत्याशियों को सिंबल देने लगे। उन्होंने 143 प्रत्याशियों को सिंबल दे दिया है। इसमें 5 सीटें ऐसी हैं, जहां कांग्रेस भी चुनाव लड़ रही है।
• खबर है कि दोनों पार्टियों के बीच बातचीत बंद हो गई है। दोनों के बीच तल्खी इतनी बढ़ गई है कि उनके समर्थक सोशल मीडिया पर एक-दूसरे की बखिया उधेड़ रहे हैं।
• राजद और कांग्रेस अपने बागियों को भी मैनेज नहीं कर पा रही है। 15 अक्टूबर को पटना एयरपोर्ट पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम पर कार्यकर्ताओं ने हमला कर दिया।
• सीट बंटवारे में देरी से नाराज मुकेश सहनी ने 15 अक्टूबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई। देर रात तक माले नेता दीपंकर भट्टाचार्य के हस्तक्षेप के बाद वह माने, लेकिन उन्होंने खुद के चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया।
एनडीए- अमित शाह ने खुद किया डैमेज कंट्रोल, नेताओं से मिले।
• सीट बंटवारे के ऐलान के बाद 13 अक्टूबर की देर रात सीएम नीतीश कुमार के नाराज होने की खबरें आई। जदयू-भाजपा के बड़े नेताओं ने तुरंत बैठकें की। अंदर से खबर आई कि नीतीश कुमार सिटिंग सीट देने से नाराज हैं। रातभर में सब क्लियर कर लिया गया। अगली सुबह सबकुछ ठीक हो गया।
• 14 अक्टूबर को जीतन राम मांझी ने एक्स पर पोस्ट किया कि माना कि हमें कम सीटें मिली हैं। हमारे कार्यकर्ताओं का मनोबल कमजोर हुआ है। कार्यकर्ताओ में घोर असंतोष है, पर इसका मतलब यह नहीं कि हम बिहार को जंगलराज की ओर धकेल दें। इसके बाद भाजपा नेताओं ने उन्हें मना लिया।
• 13 और 14 अक्टूबर को उपेंद्र कुशवाहा के नाराज होने की खबरें आईं। उन्होंने बयान भी दिया- एनडीए में कुछ भी ठीक नहीं है। 14 अक्टूबर की रात भाजपा नेता नित्यानंद राय उनको मनाने घर गए।
• 15 अक्टूबर की सुबह नित्यानंद राय कुशवाहा को पटना से लेकर दिल्ली गए। वहां कुशवाहा और अमित शाह में बात हुई। उसके बाद वह लौट आए और बोले- सब बातें हो गई हैं। हमलोग एकजुट हैं। मतलब कि उपेंद्र कुशवाहा भी मान गए।
• भाजपा ने कुशवाहा को 6 सीटों के अलावा अपने कोटे से एक एमएलसी सीट देने का वादा किया। इस वादे को लेकर 15 अक्टूबर की देर रात भाजपा ने एक प्रेस नोट भी जारी किया।
• टिकट कटने से नाराज नेताओं को अमित शाह ने मनाया। जैसे- गोपालगंज की विधायक कुसुम देवी, औराई के विधायक रामसूरत राय से शाह 17 और 18 अक्टूबर को मिले। उनके बागी होने की आशंका थी। सब मान गए।
• इसके अलावा शाह ने बेटिकट हुए नंदकिशोर यादव और अरूण सिन्हा से मुलाकात की। इसी तरह भागलपुर से पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे अर्जित शाश्वत चौबे को भाजपा नेताओं ने मनाया।
पॉइंट 5- दोनों गठबंधनों के प्रचार और रैली की तैयारी कैसी है?
महागठबंधन- तेजस्वी व राहुल जैसे बड़े नेताओं ने कोई सभा-रैली नहीं की।
• महागठबंधन के चुनावी सभा की शुरुआत नहीं हुई है। तेजस्वी यादव से लेकर राहुल गांधी और कांग्रेस-राजद के नेताओं ने कोई बड़ी सभा नहीं की है।
• तेजस्वी यादव ने नामांकन भी किया तो उनके साथ महागठबंधन का कोई नेता साथ नहीं दिखा। वह अपने पिता लालू यादव, माता राबरी देवी और बहन मीसा भारती के साथ राघोपुर पहुंचे थे।
• मुकेश सहनी अपने क्षेत्र में सभा कर रहे हैं।
• अब तक महागठबंधन का सामूहिक ना प्रेस कॉन्फ्रेंस हुआ है और ना ही कोई सभा। महागठबंधन के नेता मीडिया से दूर हैं।
एनडीए- अमित शाह और नीतीश कुमार ने प्रचार शुरू किया।
• मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 16 अक्टूबर से अपनी सभा की शुरुआत कर दी। नीतीश कुमार मंत्री विजय कुमार चौधरी के नामांकन में शामिल हुए और समस्तीपुर में सभा की।
• 16 अक्टूबर की शाम केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पटना पहुंचे। 17 अक्टूबर को सारण जिले के तरैया में भाजपा नेता जनक सिंह के समर्थन में सभा की। इसके बाद वह पटना लौटे और दो दिनों तक लगातार बैठक कर चुनाव पर चर्चा की।
• प्रधानमंत्री मोदी 24 अक्टूबर से अपनी चुनावी सभा की शुरुआत पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर की गांव से करेंगे। इसके बाद वह उसी दिन बेगूसराय में सभा करेंगे।
• 16 अक्टूबर को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने पटना और सहरसा में चुनावी सभा की। इसके अलावा महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस, मध्यप्रदेश के सीएम मोहन यादव भी सभा कर चुके हैं।
पॉइंट 6- इस चुनाव में दोनों गठबंधन के पास मुद्दा क्या है?
महागठबंधन- पहले वोट चोरी को मुद्दा बनाया, अब कोई एजेंडा नहीं।
• विपक्ष ने चुनाव के ऐलान से पहले वोट चोरी, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी जैसे मुद्दे उठाए। लेकिन चुनाव के ऐलान के बाद विपक्ष इसे लगता है भूल गया है। किसी पार्टी ने कोई चुनावी सभा नहीं की और ना ही सरकार को घेरा।
• चुनाव के ऐलान के 14 दिनों में तेजस्वी यादव सिर्फ एक बार 9 अक्टूबर को मीडिया के सामने आए। उन्होंने कहा- बिहार में हमारी सरकार आएगी तो सामाजिक न्याय के साथ आर्थिक न्याय होगा। हम जो बोलते हैं, वो करते हैं। सरकार बनने के 20 दिनों के अंदर आयोग बनेगा। नियम बनाएंगे और 20 महीनों के भीतर हर परिवार को सरकारी नौकरी देंगे।
• इसके अलावा विपक्ष महिलाओं को हर महीने 2500 रुपये और वृद्धा पेंशन को बढ़ाने का वादा कर रहा है।
• विपक्ष निर्वाचन नामावली का विशेष गहन पुनरीक्षण यानी एसआईआर पर अब कोई बात करता नहीं दिख रहा है। अगस्त में राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने 16 दिनों तक बिहार में वोट चोरी के मुद्दे को उठाया था।
एनडीए- जंगलराज, घुसपैठ का नैरेटिव, सरकारी स्कीम का प्रचार।
• दानापुर में 16 अक्टूबर को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा- ये दोनों दल (राजद-कांग्रेस) और इनकी सहयोगी पार्टियां बिहार में विकास बनाम बुर्के की शरारत कर रही हैं। बिना पहचान बताए घुसपैठियों से वोट लेकर यहां के मूल नागरिकों के अधिकारों की चोरी करना चाहते हैं। लेकिन अब नहीं होने दिया जाएगा। केंद्र में मोदी और बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार नई ऊंचाई पर पहुंचेगा।
• समस्तीपुर के सरायरंजन में 16 अक्टूबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा- पहले बिहार की स्थिति बहुत खराब थी। शाम के वक्त लोग घरों से बाहर निकलने से डरते थे। हिंदू-मुस्लिम झगड़े आम बात थी और बहुत कम बच्चे पढ़ाई करते थे। अब राज्य में विकास का काम लगातार चल रहा है और डर-भय का माहौल खत्म हो चुका है।
• केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 17 अक्टूबर को रैली में कहा- लालू यादव के जंगलराज में अपराध की इंडस्ट्री चलती थी, एनडीए सरकार में बिहार में मेडिकल-इंजीनियरिंग कॉलेज बन रहे हैं। राज्य में पलायन रुका है। दिवंगत शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा शहाब को टिकट देने पर अमित शाह ने राजद से पूछा- अगर वह ऐसे उम्मीदवारों को मैदान में उतारती है तो बिहार के लोगों की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित कर सकती है।
महागठबंधन और एनडीए की स्थिति
फिलहाल की स्थिति को देखने पर लगता है कि महागठबंधन और एनडीए में कौन आगे है, ये कहना अभी जल्दबाजी होगी। एनडीए के अंदर भी झगड़े हैं, जगह-जगह अपने बागी नेताओं के चलते नुकसान उठाना पड़ सकता है। एनडीए इस बार भी लालू यादव का भय दिखाकर चुनाव लड़ रही है, ये कहीं ना कहीं एनडीए के लिए फायदेमंद नहीं भी हो सकता है। वहीं, महागठबंधन अपने अंदरूनी झगड़े के कारण जनता के बीच प्रभाव नहीं दिखा पा रहा है। महागठबंधन पर आरोप लग रहे हैं कि जो गठबंधन सीट बंटवारे को लेकर एकजुट नहीं हो सकता, तो वह सरकार चलाने में सफल कैसे हो सकता है।