
देश में कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण तथा आगामी चुनावों को देखते हुए चुनाव आयोग ने बड़ा फैसला लिया है। चुनाव आयोग ने 65 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं तथा होम/इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन के तहत कोविड-19 मरीजों के लिए पोस्टल बैलट की सुविधा प्रदान की है।
65 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं तथा कोरोना मरीजों को पोस्टल बैलट की सुविधा
देश में कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण तथा आगामी चुनावों को देखते हुए चुनाव आयोग ने बड़ा फैसला लिया है। चुनाव आयोग ने केंद्रीय कानून और न्याय मंत्रालय के उस संशोधन को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत 65 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं तथा होम/इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन के तहत कोविड-19 मरीजों के लिए पोस्टल बैलट की सुविधा प्रदान की जाएगी।
नए कानून का इस्तेमाल आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में हो सकता है !
ध्यान रहे कि केंद्रीय कानून और न्याय मंत्रालय ने चुनाव (संशोधन) नियम, 2020 के लिए अधिसूचना जारी की है, जिसके मुताबिक, 65 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं तथा होम/इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन के तहत कोविड-19 रोगियों के लिए पोस्टल बैलट की सुविधा प्रदान करता है। माना जा रहा कि फिलहाल ऐसी आशंका जताई जा रही है कि इस नए कानून का इस्तेमाल आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में हो सकता है।
80 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग तथा दिव्यांग को पोस्टल बैलेट का अधिकार पिछले वर्ष मिला
गौरतलब है कि इससे पहले पोस्टल बैलेट का अधिकार 80 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग तथा दिव्यांगजनों को प्राप्त था। ध्यान रहे कि 22 अक्टूबर, 2019 को केंद्रीय कानून मंत्रालय द्वारा अधिसूचना के मुताबिक, चुनाव में मत प्रतिशत बढ़ाने के लिए 80 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं के लिए पोस्टल बैलेट से मतदान की सुविधा दी गई थी, कानून मंत्रालय ने मतपत्र से मताधिकार देने के लिए निर्वाचन संचालन नियम, 1961 में संशोधन करते हुए इन्हें ‘अनुपस्थित मतदाता’ की श्रेणी में शामिल किया था