
ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया यानि डीसीजीआई ने आज 3 जनवरी को सीरम इंस्टीट्यूट की कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन को आपातकाल इस्तेमाल की अंतिम मंजूरी दे दी है।
कोविशील्ड-कोवैक्सीन के इस्तेमाल की मंजूरी
डीसीजीआई द्वारा कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सीन को आपातकाल इस्तेमाल की मंजूरी मिलने के बाद अब ये वैक्सीन देश में आम लोगों को लगाए जा सकेंगे। इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एसईसी यानि सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने 1 जनवरी को कोविशील्ड और 2 जनवरी को कोवैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति देने की सिफारिश डीसीजीआई से की थी, जिस पर डीसीजीआई ने इस पर आज मुहर लगा दी है।
वैक्सीन 2-8 डिग्री के तापमान में सुरक्षित
डीसीजीआई के निदेशक वीजी सोमानी ने आज बताया कि दोनों ही वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित हैं और इसका इस्तेमाल इमरजेंसी की स्थिति में किया जा सकेगा। डीसीजीआई के मुताबिक, दोनों ही वैक्सीन की 2-2 डोज इंजेक्शन के रूप में दी जाएगी। इन दोनों वैक्सीन को 2-8 डिग्री के तापमान में सुरक्षित रखा जा सकेगा। वीजी सोमानी ने कहा कि सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्स कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (सीडीएससीओ) की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (एसईओ) ने 1 और 2 जनवरी को कोविशील्ड और कोवैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल की सिफारिश की थी। डीसीजीआई के मुताबिक, इस एसईओ में इस क्षेत्र के विशेषज्ञ शामिल थे, इनमें Pulmonology, Immunology, Microbiology, Pharmacology, Paediatrics, Internal medicine के डॉक्टर और वैज्ञानिक थे।
वैक्सीन पर क्लिनिकल ट्रायल जारी रहेगा
डीसीजीआई के मुताबिक, सीरम इंस्टीट्यूट के वैक्सीन की ओवरऑल क्षमता 70.42 प्रतिशत थी। सीरम इंस्टीट्यूट के आंकड़े दूसरे देशों में किए गए अध्ययन से मेल खाते हैं। डीसीजीआई ने कहा कि सीरम द्वारा इस वैक्सीन पर देश में क्लिनिकल ट्रायल जारी रहेगा। भारत बायोटेक की वैक्सीन के बारे में डीसीजीआई ने कहा कि भारत बायोटेक की वैक्सीन ने फेज-3 में 25,800 लोगों पर ट्रायल शुरू किया और देश में अबतक 22,500 लोगों को ये वैक्सीन लगाया जा चुका है। डीसीजीआई के मुताबिक, अबतक उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक ये वैक्सीन सुरक्षित है और वैक्सीन लगाने वाले को जबर्दस्त सुरक्षा प्रदान करता है।
वैक्सीन 110 प्रतिशत सुरक्षित- सोमानी
डीसीजीआई के निदेशक वीजी सोमानी ने कहा कि ये वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है, वैक्सीन 110 प्रतिशत सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि अगर सुरक्षा को लेकर तनिक भी चिंता रही तो वे ऐसी किसी भी वैक्सीन को एप्रूव नहीं करेंगे, हल्के साइड इफेक्ट होते हैं लेकिन इसे लेकर चिंता की कोई बात नहीं है, हल्का बुखार, दर्द, एलर्जी जैसी चीजें हर वैक्सीन से होती है। ध्यान रहे कि देश के कई राज्यों 2 जनवरी से कोरोना वैक्सीन का ड्राई रन किया गया, ड्राई रन के रिजल्ट काफी सकारात्मक रहे।
वैक्सीन से नपुंसकता की बात बकवास- सोमानी
डीसीजीआई के निदेशक से जब लोगों ने पूछा कि ऐसी अफवाह चल रही है कि इस वैक्सीन को लगाने से लोग नपुंसक हो जाएंगे, इसके जवाब में वीजी सोमानी ने कहा कि ये पूरी तरह से बकवास बात है और इस पर जरा सा भी ध्यान देने की जरूरत नहीं है। ध्यान रहे कि ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया जब किसी दवा, ड्रग, वैक्सीन को अंतिम अनुमति देता है, तभी इन दवाओं, वैक्सीन का सार्वजनिक इस्तेमाल हो सकता है, ऐसी इजाजत देने से पहले डीसीजीआई वैक्सीन पर किए गए परीक्षण के आंकड़ों का कड़ाई से अध्ययन करता है, जब डीसीजीआई इस रिपोर्ट से संतुष्ट होता है तभी वह वैक्सीन के सार्वजनिक इस्तेमाल की इजाजत देता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल को डीसीजीआई से अनुमति मिलने के लिए देशवासियों और वैज्ञानिकों को बधाई दी।