
एलजेपी यानि लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान को आज एलजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया है। इससे पहले चिराग पासवान को एलजेपी के संसदीय दल के नेता के पद से हटा दिया गया था।
राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से भी हटाए गए चिराग
रामविलास पासवान की पार्टी एलजेपी में मचे घमासान के बाद उनके बेटे व एलजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान को आज 15 जून को एलजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया है। इससे पहले एलजेपी के 6 लोकसभा सदस्यों में से 5 ने चिराग पासवान को संसद के निचले सदन में पार्टी के नेता के पद से हटाकर उनकी जगह उनके चाचा व हाजीपुर से लोकसभा सांसद पशुपति कुमार पारस को इस पद के लिए चुन लिया था। पशुपति कुमार पारस को एलजेपी के संसदीय दल के नेता के तौर पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मंजूरी दे दी है।
सूरजभान सिंह बने राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष
एलजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आज पार्टी के संसदीय दल के नेता पशुपति कुमार पारस के आवास पर हुई, जिसमें सर्वसम्मति से चिराग पासवान को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से मुक्त कर दिया गया तथा उनकी जगह रामविलास पासवान के करीबी रहे सूरजभान सिंह को राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया। चिराग पासवान को राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से हटाए जाने पर पशुपति कुमार पारस समर्थित नेताओं ने एलजेपी संविधान का हवाला देते हुए कहा कि चिराग पासवान पार्टी के 3-3 पदों पर एक साथ काबिज थे।
20 जून तक पशुपति पारस बनेंगे राष्ट्रीय अध्यक्ष !
राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष को यह निर्देश दिया गया है कि वह 5 दिन के अंदर राष्ट्रीय परिषद की बैठक बुलाएं। बैठक में पार्टी ने राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए चुनाव कराने का प्रभार भी दिया है। बताया जा रहा है कि 20 जून 2021 तक पशुपति कुमार पारस को एलजेपी का राष्ट्रीय पार्टी अध्यक्ष बना दिया जाएगा।
चिराग चाहते थे रीना पासवान को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाना
ध्यान रहे कि एलजेपी में मचे घमासान के बीच पार्टी पर अपना प्रभाव बनाए रखने की कोशिशों के तहत चिराग पासवान कल 14 जून को जब दिल्ली में अपने चाचा पशुपति कुमार पारस के घर पहुंचे थे तब मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि वह एक प्रस्तासव लेकर गए थे जिसमें एलजेपी के राष्ट्री य अध्यरक्ष पद से उनके इस्तीहफे की पेशकश के साथ ही उनकी मां रीना पासवान को राष्ट्री य अध्ययक्ष बनाने की मांग शामिल थी। लेकिन चिराग पासवान को अपने चाचा के घर के बंद गेट पर न सिर्फ उन्हेंम 20 मिनट तक इंतजार कराया गया, जबकि डेढ़ घंटा घर पर इंतजार के बाद भी चाचा पशुपति कुमार पारस से मुलाकात नहीं हो सकी।