अडानी ग्रुप का M-cap हुआ आधा, RBI से लेकर वित्त मंत्री सीतारमण के बयान तक 10 बड़े अपडेट्स…जानिए

न्यूयॉर्क स्थित शॉर्ट-सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने 24 जनवरी 2023 को अडानी ग्रुप की कंपनियों पर अपनी रिपोर्ट प्रकाशित की, इसमें समूह पर दशकों से स्टॉक हेरफेर और अकाउंटिंग धोखाधड़ी में शामिल होने का आरोप लगाया गया था। इसके अलावा रिपोर्ट में कहा गया था कि अडानी ग्रुप की लिस्टेड 7 कंपनियां ओवरवैल्यूड हैं।

अडानी ग्रुप का M-cap 50 फीसदी गिरा
अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सामने आने के बाद से अडानी ग्रुप (Adani Group) के शेयर ऐसे टूटे कि मार्केट कैपिटलाइजेशन (M-cap) 9 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा डूब गया। पिछले 7 कारोबारी सत्रों में अडानी ग्रुप के शेयरों का मार्केट कैप करीब 50 फीसदी गिर गया। अडानी ग्रुप की कंपनियों का अब कुल मार्केट कैप 19.2 लाख करोड़ रुपए से घटकर 3 फरवरी 2023 को करीब 10 लाख करोड़ रुपए पर आ गया। लगातार गिरते शेयरों की वजह से निवेशकों के माथे पर उभरी चिंता की लकीरें और भी गहरी होती जा रही हैं। इस बीच केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी अडानी ग्रुप के मामले पर बयान दिया है। आइए जानते हैं अडानी ग्रुप से जुड़े 10 बड़े अपडेट्स।

1. ये सब कैसे शुरू हुआ?
न्यूयॉर्क स्थित शॉर्ट-सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने 24 जनवरी 2023 को अडानी ग्रुप की कंपनियों पर अपनी रिपोर्ट प्रकाशित की, इसमें अडानी ग्रुप पर दशकों से स्टॉक हेरफेर और अकाउंटिंग धोखाधड़ी में शामिल होने का आरोप लगाया गया था। इसके अलवा रिपोर्ट में कहा गया था कि अडानी ग्रुप की लिस्टेड 7 कंपनियां ओवरवैल्यूड हैं।

2. रिपोर्ट हाइलाइट्स
नाथन एंडरसन के नेतृत्व वाली यूएस-आधारित रिसर्च फर्म ने कहा कि प्रमुख लिस्टेड अडानी ग्रुप की कंपनियों पर ‘सब्सटेंशियल डेट’ था, जिसने पूरे समूह को एक अनिश्चित वित्तीय स्थिति में डाल दिया है। रिपोर्ट में अडानी ग्रुप से 88 सवाल पूछे गए थे। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अडानी ग्रुप ने बड़े पैमाने पर शेयरों को गिरवी रखकर कर्ज लिया है।

3. अडानी ग्रुप ने क्या कहा?
413 पन्नों के जवाब में अडानी ग्रुप ने कहा कि रिपोर्ट ‘झूठी धारणा बनाने’ की ‘छिपी हुई मंशा’ से प्रेरित है, ताकि अमेरिकी फर्म को वित्तीय लाभ मिल सके। अडानी ग्रुप ने कहा कि इन 88 सवालों में से कई ऐसे हैं, जो कोई नई बात नहीं बताते, ये सिर्फ उन पुरानी बातों को फिर से दोहरा रहे हैं, जो न्यायिक प्रक्रिया में गलत साबित हो चुकी हैं। कंपनी की तरफ से कहा गया है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ‘गलत जानकारी और झूठे आरोपों’ के आधार पर बनी है।

4. हिंडनबर्ग ने किया पलटवार
अडानी ग्रुप के 413 पन्नों के जवाब पर हिंडनबर्ग ने कहा कि अडानी ग्रुप ने रिपोर्ट में उठाए गए किसी भी महत्वपूर्ण बिंदु को संबोधित नहीं किया, इसके बजाय अडानी ने एक राष्ट्रवादी आख्यान को उकसाया है। हिंडनबर्ग ने कहा कि राष्ट्रवाद की आड़ में धोखे से नहीं बचा जा सकता है, इसमें कहा गया है कि अगर अडानी ग्रुप शॉर्ट सेलर के खिलाफ अमेरिका में मुकदमा दायर करता है, तो वह कानूनी खोज प्रक्रिया में दस्तावेजों की मांग करेगा। हिंडनबर्ग ने ट्विटर पर प्रकाशित अपने बयान में कहा कि अगर अडानी गंभीर है, तो उन्हें अमेरिका में भी मुकदमा दायर करना चाहिए, जहां हम काम करते हैं।

5. अडानी एंटरप्राइजेज का FPO
हिंडनबर्ग रिपोर्ट ऐसे समय में आई जब अडानी ग्रुप ने अपनी फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज का 20,000 करोड़ रुपए का FPO जारी करने का फैसला किया था। रिपोर्ट आने के बावजूद कंपनी ने अपना FPO लॉन्च किया, शुरुआत में इसे कुछ खास रिस्पॉन्स नहीं मिला, हालंकि आखिरी दिन 31 जनवरी 2023 को ये पूरी तरह से सब्सक्राइब हो गया, लेकिन ग्रुप ने अगले ही दिन 1 फरवरी को FPO को वापस ले लिया। अडानी इंटरप्राइजेज के चेयरमैन गौतम अडानी ने कहा कि दिन के कारोबार के दौरान समूह के शेयरों में आए उतार-चढ़ाव की वजह से ये फैसला किया गया।

6. मार्केट रूट
हिंडनबर्ग के रिपोर्ट की वजह से अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई। अडानी ग्रुप की कंपनियों ने एक्सचेंजों पर 7 कारोबारी सत्रों में कुल 9 लाख करोड़ रुपए का एम-कैप गंवा दिया। अडानी टोटल गैस के शेयर इस अवधि के दौरान 3,885.45 रुपए से सबसे अधिक 51 फीसदी गिरकर 1901.65 रुपए पर आ गया है। अडानी ग्रीन एनर्जी (40% नीचे), अडानी एंटरप्राइजेज (38% नीचे), अडानी ट्रांसमिशन (37% नीचे), अडानी पोर्ट्स और एसईजेड (35% नीचे), अंबुजा सीमेंट्स (33% नीचे), अडानी विल्मर (23% नीचे), अडानी पावर (22.5% नीचे), एसीसी (21% से नीचे) और एनडीटीवी (17% से नीचे) में भारी गिरावट आई।

7. RBI और अन्य बैंकों का बयान
अडानी ग्रुप के शेयरों के गिरावट के दौरान भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों से अडानी समूह के अपने जोखिम के बारे में डिटेल्स की मांग की। देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने शुक्रवार यानि 3 फरवरी 2023 को कहा कि अडानी ग्रुप की कंपनियों को उसने करीब 27,000 करोड़ रुपए का कर्ज दिया है, यह उसके ओवर ऑल एक्पोजर का सिर्फ 0.88 फीसदी है, पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने कहा कि अडानी समूह पर उसका कुल 7,000 करोड़ रुपए का कर्ज है, बैंक ऑफ बड़ौदा ने कहा कि उसका 4,000 करोड़ रुपए का एक्सपोजर है।

8. एलआईसी का एक्सपोजर
एलआईसी ने अपने बयान में कहा कि 31 दिसंबर 2022 तक अडानी ग्रुप की कंपनियों में इक्विटी और कर्ज के तहत उसकी कुल हिस्सेदारी 35,917.31 करोड़ रुपए की है। एलआईसी ने अडानी ग्रुप की कंपनियों अडानी ग्रीन एनर्जी, अडानी ट्रांसमिशन, अडानी टोटल गैस, अडानी पोर्ट्स एंड इकोनॉमिक जोन और अडानी एंटरप्राइजेज में निवेश किया है, अगर बीते 6 महीने की परफॉर्मेंस पर गौर करें तो एलआईसी के पोर्टफोलियो में सबसे ज्यादा नुकसान उठाने वाले शेयर अडानी ग्रुप की इन सभी कंपनियों के हैं।

9. फिच और मूडीज की रिपोर्ट
ग्लोबल एजेंसी मूडीज (Moody’s) ने भी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद वह अडानी ग्रुप के फाइनेंसियल फ्लेक्सिबलटी का मूल्यांकन कर रहा है। मूडीज की इकाई ICRA ने कहा कि वह अडानी ग्रुप पर हाल के घटनाक्रमों के प्रभाव पर नजर बनाए हुए और इसका वैल्यूएशन कर रही है। मूडीज के मुताबिक, मौजूदा ‘प्रतिकूल घटनाक्रम’ की वजह से अगले 1-2 साल में कैपेक्स को फंड करने के लिए या मैच्योरिंग डेट को रीफाइनेंस करने के लिए अडानी ग्रुप की पूंजी जुटाने की क्षमता कम हो सकती है। दूसरी तरफ रेटिंग ऐजेंसी फिच का कहना है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप का क्रेडिट प्रोफाइल तत्काल रूप से प्रभावित नहीं हुआ है। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी फिच का कहना है कि हम अडानी ग्रुप की कंपनियों के कैश फ्लो पर नजर बनाए हुए हैं, निकट अवधि में कोई रि-फाइनेंसिंग से जुड़ा रिस्क या लिक्विडिटी का जोखिम नजर नहीं आ रहा है। फिच ने कहा कि वो रेटेड इकाइयों की लंबी अवधि में फाइनेंसिंग की लागत में किसी बड़े बदलाव पर भी नजर बनाए हुए हैं।

10. निर्मला सीतारमण का बयान
अडानी ग्रुप के मामले पर मचे बवाल पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बड़ा बयान आया। निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत की स्थिति किसी भी तरह से प्रभावित नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि हमारा विदेशी मुद्रा भंडार पिछले 2 दिनों में बढ़कर 8 मिलियन डॉलर हो गया है, FII का और FPO का आना-जाना लगा रहता है, लेकिन अडानी के मामले से भारत की छवि और स्थिति प्रभावित नहीं हुई है। निर्मला सीतारमण ने कहा कि नियामक अपना काम करेंगे, पहले भी FPO वापस लिए गए हैं।

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