बिहार की राजधानी पटना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा में बम ब्लास्ट करने वाले चार आरोपियों को निचली अदालत द्वारा फांसी की सजा को पटना हाई कोर्ट ने उम्र कैद में तब्दील कर दी है। चारों आरोपियों ने निचली अदालत के फैसले को पटना हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।
मौत की सजा उम्रकैद में तब्दील
पटना के गांधी मैदान में नरेंद्र मोदी की सभा में बम ब्लास्ट करने वाले चार आरोपियों की सजा को बुधवार 11 सितंबर 2024 को पटना हाई कोर्ट ने उम्र कैद में तब्दील कर दी है। दरअसल, चारों आरोपियों को निचली अदालत से फांसी की सजा सुनाई गई थी। निचली अदालत ने हैदर अली, मोजिबुल्लाह, नोमान और इम्तियाज को सजा-ए-मौत दी थी, लेकिन पटना हाई कोर्ट ने उनकी मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया। साथ ही उमर और अजहरुद्दीन को उम्रकैद की सजा देने के निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा। आरोपियों ने निचली अदालत के फैसले को पटना हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। ध्यान रहे कि साल 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले अक्टूबर, 2013 में नरेंद्र मोदी भाजपा की हूंकार रैली को संबोधित करने आए थे, जिसमें उनके संबोधन के दरमियान और उसके पहले सीरियल बम विस्फोट किए गए थे।
6 स्थानों पर हुए थे सीरियल बम ब्लास्ट
पटना के गांधी मैदान में बम धमाके की ये घटना 27 अक्टूबर 2013 को हुई थी, उस वक्त लोकसभा चुनाव 2014 के लिए सभी पार्टियां प्रचार में जुटी थीं, इस दौरान नरेंद्र मोदी पटना पहुंचे थे, गांधी मैदान में बीजेपी ने हुंकार रैली का आयोजन किया गया था, वे रैली को संबोधित कर रहे थे, उसी समय पटना जंक्शन के प्लेटफार्म संख्या 10 स्थित सुलभ शौचालय के पास पहला बम ब्लास्ट हुआ था, इसके बाद गांधी मैदान में और आसपास 6 स्थानों पर सीरियल बम ब्लास्ट हुए थे।
बम ब्लास्ट में 6 लोगों की हुई थी मौत
ध्यान रहे कि सीरियल बम विस्फोटों में 6 लोगों की मौत हुई थी और 89 लोग घायल हुए थे। इस घटना के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे से एनआईए जांच की मांग की थी। एनआईए ने इस मामले में 2014 में सभी आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। इस मामले में 187 लोगों की कोर्ट में गवाही कराई गई थी।