
लोक जनशक्ति पार्टी यानि एलजेपी में चल रहे सियासी घमासान के बीच चिराग पासवान ने अपने चाचा पशुपति पारस के खिलाफ हुंकार भरी है। इसके साथ ही चिराग पासवान ने जनता दल यूनाइटेड पर भी जमकर निशाना साधा है।
ना मैं पहले डरा हूं और ना ही आगे डरूंगा- चिराग
चिराग पासवान ने आज 16 जून को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते कहा कि मैं चाहता था कि परिवार की बात बंद कमरे में निपट जाए लेकिन अब ये लड़ाई लंबी चलेगी और कानूनी तरीके से इस लड़ाई को लड़ा जाएगा। चिराग ने कहा कि मैं रामविलास पासवान का बेटा हूं, मैं शेर का बेटा हूं, ना मैं पहले डरा हूं और ना ही आगे डरूंगा। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता हमारे साथ है, जनता दल यूनाइटेड की तरफ से बांटने की कोशिश की जा रही है, इन्होंने पहले भी दलितों को बांटने की कोशिश की है।
यह लड़ाई लंबी चलेगी- चिराग
चिराग पासवान ने कहा कि कुछ दिन से उनकी तबीयत ठीक नहीं थी इस वजह से वह बाहर नहीं आ रहे थे लेकिन एक प्रेस कॉन्फ्रेंस से सब कुछ निपटने वाला नहीं है, यह लड़ाई लंबी चलेगी। चाचा पशुपति कुमार पारस गुट द्वारा लगाए गए आरोपों पर चिराग ने कहा कि अगर किसी फैसले पर दिक्कत थी, तो तभी बात कहनी थी, चुनाव के 6 महीने बाद विरोध जताने का कोई मतलब नहीं है।
मैंने पार्टी को बचाने का हरसंभव प्रयास किया- चिराग
पशुपति कुमार पारस द्वारा बुलाई गई बैठक पर चिराग पासवान ने कहा कि उनके पास इस तरह की बैठक बुलाने का अधिकार नहीं है। चिराग ने कहा कि लोजपा संसदीय बोर्ड के अध्याक्ष और राष्ट्री य अध्ययक्ष पद से उनको हटाए जाने का फैसला पार्टी के संविधान के अनुरूप नहीं है, वे इस मुद्दे पर लंबी लड़ाई लड़ने को तैयार हैं, संसदीय बोर्ड में बदलाव का फैसला केवल संसदीय बोर्ड या राष्ट्रीडय अध्ययक्ष ही ले सकते हैं, लेकिन उनके चाचा पशुपति कुमार पारस ने ऐसा नहीं किया। चिराग ने कहा कि उन्हों्ने अपनी पार्टी और परिवार दोनों को बचाने का हरसंभव प्रयास किया, उनकी मां रीना पासवान भी लगातार इस कोशिश में लगी रहीं।
चिराग ने पारस से मुलाकात करने की कोशिश की थी
ध्यान रहे कि चिराग पासवान के चाचा पशुपति कुमार पारस की अगुवाई में पार्टी के 5 सांसदों ने चिराग पासवान के कामकाज के तरीके पर सवाल खड़े किए थे, साथ ही अपना अलग रास्ता तय कर लिया था। इस विवाद के बाद चिराग पासवान ने अपने चाचा पशुपति कुमार पारस से मुलाकात करने की कोशिश की थी, लेकिन उनसे मुलाकात करने में नाकामयाब रहे थे।