
7वीं से 10वीं जेपीएससी सिविल सर्विस प्रारंभिक परीक्षा 2021 के रिजल्ट में पास हुए अभ्यर्थियों में से 57 को अब फेल कर दिया गया है, इनमें से 49 उम्मीदवार का रोल नंबर लगातार सीक्वेंंस में था। झारखंड लोक सेवा आयोग ने कहा है कि जिन उम्मीदवारों की OMR शीट नहीं मिली थी और रिजल्ट पहले ही जारी कर दिया गया, अब उन्हें असफल करार दिया जा रहा है। अब सवाल ये भी है कि आखिर ऐसे अभ्यर्थी को पास कैसे घोषित किया था।
252 सीट के लिए आयोजित की गई थी परीक्षा
झारखंड में 252 सीट के लिए आयोजित की गई 7वीं से 10वीं जेपीएससी सिविल सर्विस प्रारंभिक परीक्षा 2021 के रिजल्ट घोषित होने के बाद से ही अभ्यर्थी आरोप लगा रहे थे कि भारी पैमाने पे परीक्षा में गड़बड़ी हुई है। जारी रिजल्ट में सफल हुए 33 उम्मीदवार का रोल नंबर एक सीरियल में जो परीक्षा में एक के पीछे एक बैठे थे, कट ऑफ 260 है और 230 नंबर वाले को मेरिट लिस्ट में जगह दे दी गयी है, पेपर लीक होने को लेकर भी झारखंड राजभवन से लेकर सड़क तक आंदोलन किए गए जिसमें छात्रों पर लाठीचार्ज भी हुआ।
परीक्षा में कोई गड़बड़ी नहीं हुई- अमिताभ चौधरी
जेपीएससी के अध्यक्ष अमिताभ चौधरी ने कहा था कि परीक्षा में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है मगर अब वह बैकफुट पर नजर आ रहे हैं। 57 पास अभ्यर्थियों को अब फेल कर दिया गया है, दलील दी गई है कि इनकी OMR शीट नहीं मिली है, अब सवाल ये भी है कि आखिर ऐसे अभ्यर्थी को पास कैसे घोषित किया गया था। बहरहाल, अब जेपीएससी ने 40 दिन बाद उन अभ्यर्थी को फेल कर दिया है जिन पर उंगलियां उठायी जा रही थी। झारखंड लोक सेवा आयोग ने कहा कि 57 OMR शीट गायब थे इसलिए प्रोविजनल रिजल्ट जारी कर जांच की गई, कट ऑफ में कोई बदलाव नहीं होगा।
49 उम्मीदवारों का रिजल्ट लगातार सीक्वेंस में
जेपीएससी ने माना है कि परीक्षा का रिजल्ट जारी करने (1 नवंबर 2021) तक, 57 अभ्यर्थियों की OMR सीट उन्हें नहीं मिल रही थी, रिजल्ट जारी करने में देरी किए बिना इनका प्रोविजनल रिजल्ट जारी कर दिया गया, इसमें 49 अभ्यर्थियों की सीट नंबर परीक्षा में लगातार सीक्वेंस में थी, जबकि 8 को अलग-अलग जायज कारणों के आधार पर फेल कर दिया गया है। रिजल्ट की घोषणा के बाद एक कमेटी को इस मामले की जांच की जिम्मेदारी दी गई थी। आंदोलन कर रहे छात्रों के प्रतिनिधि मंडल द्वारा झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात के 1 दिन बाद जांच का फैसला किया गया था। कमेटी ने 9 दिसंबर 2021 तक मामले की जांच की है, इसमें पाया गया है कि प्रोविजनल आधार पर जिन 49 अभ्यर्थियों को उत्तीर्ण किया गया है वे सभी फेल हैं, आयोग की तरफ से कहा गया है कि इससे कट-ऑफ पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
इस रोल नंबर के उम्मीदवारों को किया गया है फेल
52058201, 52236876, 52236878, 52236879, 52236880, 52236881, 52236882, 52236884, 52236887, 52236888, 52236889, 52236890, 52236891, 52236892, 52236893, 52236894, 52236895, 52236896, 52236897, 52236898, 52236899, 52236900, 52236901, 52236902, 52013103, 52031738, 52087981, 52087985, 52117539, 52299082, 52321845, 52342865, 52342866, 52342867, 52342868, 52342869, 52342870, 52342871, 52342874, 52342876, 52342877, 52342878, 52342879 52342880, 52342881, 52342883, 52342884, 52342885, 52342886
कुल 4297 उम्मीदवार हुए थे परीक्षा में पास
जेपीएससी की ओर से 7वीं से 10वीं सिविल सेवा परीक्षा का रिजल्टस 1 नवंबर को जारी किया गया था, इस रिजल्ट में कुल 4297 उम्मीदवार सफल घोषित किए गए हैं, इसमें BC-2 कैटेगरी से 244, BC-1 कैटेगरी से 401, EWS कैटेगरी से 305, SC कैटेगरी से 389, ST कैटेगरी से 1057 और अनारक्षित कैटेगरी से 1897 उम्मीदवार सफल हुए हैं।
पिछले साल से 4 गुणा अधिक अभ्यर्थी हुए हैं शामिल
जेपीएससी की तरफ से बताया गया है कि इस बार की परीक्षा में पिछले साल से 4 गुणा अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए थे, परीक्षा के लिए 5,35,521 उम्मीदवारों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया था, इसमें 3,69,327 उम्मीदवारों का एडमिट कार्ड जारी किया गया, 2,49,650 उम्मीदवार परीक्षा में शामिल हुए जिनके लिए करीब 5 लाख OMR शीट मंगवाए गए थे।
सीबीआई की जांच होनी चाहिए- देवेंद्र
आंदोलन कर रहे छात्रों के नेता देवेंद्र ने बताया कि जेपीएससी का ये मानना की 57 वैसे छात्रों को पास किया गया था वो वाकई में फेल हैं, एक बड़ा मामला है, यह साबित करता है कि ये संयोग नहीं प्रयोग है, इसके पीछे बड़ी मछलियां हैं, पहले जेपीएससी अध्यक्ष को इसके लिए जिम्मेदार मानकर उन्हें बर्खास्त करना चाहिए, परीक्षा को रद्द करना चाहिए और सीबीआई की जांच होनी चाहिए कि आखिर इसके पीछे बड़ी मछलियां कौन हैं, जांच हुआ तो कई सफेदपोश बेनकाब होंगे, 40 दिन से आंदोलन में जो आरोप छात्र लगा रहे थे वे सब सही साबित हुए।