
कर्नाटक के मंगलुरु में अब एक पुरानी मस्जिद के नीचे हिंदू मंदिर जैसा ढांचा मिलने के बाद हिंदू संगठन आज मस्जिद के करीब विशेष पूजा करने पहुंचे। हिंदू संगठन ने अब पूजा भी शुरू कर दी है।
मलाली इलाके में मस्जिद के करीब पूजा शुरू
वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे के दौरान शिवलिंग मिलने के दावे के बाद नया मामला कर्नाटक के मंगलुरु में सामने आया है, जहां मलाली इलाके में एक पुरानी मस्जिद के नीचे कथित तौर पर हिंदू मंदिर जैसा ढांचा मिला है। मस्जिद और मंदिर का मामला अब गंभीर होता जा रहा है और हिंदू संगठन अब आज 25 मई 2022 को मस्जिद के करीब मंदिर में विशेष पूजा कर रहे हैं, इसको देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। पूजा में स्थानीय लोगों के साथ मंगलुरु साउथ के विधायक भरत शेट्टी भी पहुंचे हैं।
हिंदू संगठन ने शुरू की विशेष पूजा
विवादित मस्जिद की सही स्थिति को जानने के लिए ताम्बूल प्रश्न पूजा की शुरुआत हो चुकी है, जो करीब 3 बजे तक चलेगी, इस पूजा के लिए विशेष तौर से पुजारी गोपाल कृष्ना पणिकर को बुलाया गया है। विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) का मानना है कि यदि ये स्पष्ट हो जाता है कि इस स्थान पर मंदिर था और किस देवता का मंदिर था तो उसके बाद हम अपनी कानूनी लड़ाई आगे बढ़ाएंगे।
पूजा के लिए बुलाए गए हैं केरल से भी पुजारी
विशेष पूजा के लिए विशेष तौर पर केरल से भी पुजारी बुलाए गए हैं। यदि पुजारी ये कह देते है कि यहां मंदिर था तो हिंदू संगठन कानूनी तौर पर लड़ाई लड़ कर जमीन को हासिल करने का दावा करेंगे। ताम्बूल पूजा द्वारा स्थिति स्पष्ट होने पर अशट मंगला प्रश्न पूजा का आयोजन किया जा सकता है, जो ये बताएगा कि इस मस्जिद का इतिहास क्या है, कब ये मस्जिद अस्तित्व में आई। हिंदू संगठन द्वारा मस्जिद के करीब मंदिर में विशेष पूजा आयोजन को देखते हुए प्रशासन अलर्ट पर है और सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। इस इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई है, इसके अलावा मंदिर और विवादित स्थल पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।
पुनर्निर्माण के दौरान मिला मंदिर का ढांचा
ध्यान रहे कि मलाली इलाके की इस मस्जिद में पुनर्निर्माण का काम चल रहा था और अप्रैल 2022 में पुरानी मस्जिद को गिराने के क्रम में मंदिर नुमा ढांचा नजर आया था, इसके साथ ही कुछ ऐसे साक्ष्य मिले जो हिंदू कलाकृतियों से मिलते-जुलते नजर आए। सूचना मिलने पर हिंदू संगठन (विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल) ने जाकर उस जगह का मुआयना किया। तनाव ना बढ़े, इसलिए प्रसाशन भी यहां पहुंचा, मस्जिद से संबंधित कागज लिए गए और मस्जिद के जमीन से संबंधित सरकारी दस्तावेजों को भी इकठा किया गया। जब तक ये स्पष्ट नहीं हो जाता कि जमीन पर मस्जिद थी या यहां पर पूर्व में कोई मंदिर था, तब तक के लिए मस्जिद के पुनर्निर्माण पर रोक लगा दी गई और किसी के भी उस स्थल पर जाने पर रोक लगा दी गई है। फिलहाल मामला कोर्ट के अधीन है।