
बिहार विधानसभा चुनाव, 2020 से पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एनडीए की सहयोगी पार्टी एलजेपी से बड़ा झटका लगा है। एलजेपी ने नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है।
नीतीश के नेतृत्व में चुनाव नहीं लड़ेगी LJP
सूत्रों के मुताबिक, एलजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक में आज 4 अक्टूबर को फैसला लिया गया कि पार्टी विधानसभा चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में नहीं लड़ेगी, इसके साथ ही एलजेपी और भाजपा की सरकार बनाने को लेकर प्रस्ताव भी पास हुआ। सूत्रों के मुताबिक, बैठक में फैसला हुआ कि एलजेपी के सभी विधायक प्रधानमंत्री मोदी को और मजबूत करेंगे।
LJP बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट के साथ चुनाव में उतरेगी
एलजेपी ‘बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट’ नारे के साथ चुनाव मैदान में उतरेगी, हालांकि पार्टी ने प्रधानमंत्री मोदी का पूरी तरह से समर्थन किया है। ध्यान रहे कि एलजेपी करीब एक साल से ‘बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट’ के माध्यम से उठाए गए मुद्दों पर पीछे हटने को तैयार नहीं है। एलजेपी ने नीतीश कुमार के सात निश्चय योजना पर निशाना साधते हुए कहा था कि सात निश्चय योजना भ्रष्टाचार का पिटारा है।
पारस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक से जुड़े
जानकारी के मुताबिक, एलजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक में सभी सदस्य मौजूद रहे। कोरोना के चलते पशुपति नाथ पारस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक से जुड़े। बैठक की अध्यक्षता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने की। संसदीय बोर्ड की बैठक में सूरजभान सिंह, चंदन सिंह, वीणा देवी, राजू तिवारी, प्रिंस राज, काली पांडेय, अब्दुल खालिद भी मौजूद रहे।
एलजेपी की बैठक कल टाल दिया गया था
ध्यान रहे कि एलजेपी की संसदीय बोर्ड की यह बैठक कल यानि 3 अक्टूबर को होनी थी, लेकिन केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के अस्वस्थ होने के कारण बैठक को आज के लिए टाल दिया गया था। कल एलजेपी सुप्रीमो चिराग पासवान अपने पिता रामविलास पासवान को देखने के लिए अस्पताल चले गए थे। रामविलास पासवान दिल्ली के अस्पताल में भर्ती हैं तथा कल उनके दिल की सर्जरी हुई थी।