
बिहार विधानसभा चुनाव, 2020 में राजनीतिक गहमागहमी अपने चरम पर पहुंचने वाली ही है। इस बीच बिहार चुनाव में ऐसे राजनीतिक समीकरण बन गए हैं, जहां भाजपा से ज्यादा नीतीश कुमार की जदयू के लिए तेजस्वी यादव की राजद चुनौती बनी हुई है।
77 सीटों पर जदयू और राजद में सीधी लड़ाई
बिहार विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी राजद बिहार चुनाव, 2020 में 144 सीटों पर चुनाव मैदान में उतरी है, जिनमें से 77 सीटों पर जदयू और 51 सीटों पर भाजपा से उसका मुकाबला है। ध्यान रहे कि बिहार चुनाव, 2015 में राजद और जदयू साथ मिलकर चुनाव लड़े थे, लेकिन इस बार चुनाव में समीकरण बदल गए हैं और दोनों पार्टियां आमने-सामने मैदान में हैं। महागठबंधन के तहत राजद ने 144 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं, जबकि 70 सीटों पर कांग्रेस और 29 सीटों पर वामपंथी दल मैदान में हैं, वहीं, एनडीए में सीट शेयरिंग में भाजपा 110 और जदयू 115 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, इसके अलावा 7 सीटों पर जीतनराम मांझी की हम और 11 सीटों पर मुकेश सहनी की वीआईपी के प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं।
51 सीटों पर राजद और भाजपा आमने-सामने
तेजस्वी यादव ने सीट शेयरिंग में जो सियासी गणित बैठाया है, उसमें भाजपा को 110 सीटों में से 51 सीटों पर राजद से दो-दो हाथ करना है, जबकि बाकी 59 सीटों पर कांग्रेस और वामपंथी दलों से उसका मुकाबला है। वहीं, जदयू के 77 प्रत्याशियों के खिलाफ राजद के उम्मीदवार मैदान में हैं, बाकी की 38 सीटों पर जदयू को कांग्रेस और वामपंथी दलों से मुकाबला करना है, ऐसे में जदयू को ही राजद से ज्यादा चुनौती मिल रही है, क्योंकि चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी ने भी नीतीश कुमार की जदयू के खिलाफ सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार रखे हैं।
तेजस्वी पीएम मोदी के बजाय नीतीश पर हमलावर
दरअसल, विपक्षी चक्रव्यूह से पूरी तरह से घिरे नीतीश कुमार इस बार के चुनाव में लालू-राबड़ी पर कुछ ज्यादा हमलावर हैं, वो वर्ष 1990 से 2005 यानि 15 साल के राजद के कामकाज को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं, वहीं, दूसरी ओर तेजस्वी यादव भी नीतीश कुमार पर ज्यादा हमलावर हैं। तेजस्वी यादव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कामकाज पर सवाल खड़े करने के बजाय वो नीतीश कुमार को टारगेट पर ले रहे हैं। बिहार में बेरोजगारी को एक बड़ा मुद्दा बनाने में तेजस्वी जुटे हैं। एक बात साफ है कि राजद की रणनीति बिहार चुनाव को तेजस्वी बनाम नीतीश कुमार बनाने की है, वे इसमें कितना कामयाब होंगे ये अगले कुछ दिन में साफ होगा, जब पीएम नरेंद्र मोदी प्रचार मैदान में उतरेंगे, जहां मोदी और नीतीश की साझा रैलियां होनी हैं।
10 लाख नौकरी देने की घोषणा से राजद को फायदा
नीतीश कुमार की जदयू के लिए एक बात सबसे बड़ी सिरदर्द बन सकती है, वो बात है तेजस्वी यादव की तरफ से 10 लाख नौजवानों को सरकारी नौकरी देने की बात। महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री उम्मीदवार तेजस्वी यादव अपने सभी चुनाव सभा में 10 लाख नौजवानों को सरकारी नौकरी देने की बात को तवज्जो दे रहे हैं, वहीं नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जदयू के नेता चुनावी सभा में तेजस्वी यादव द्वारा 10 लाख नौजवानों को सरकारी नौकरी देने की बात पर फोकस बना रहे हैं, इससे कहीं ना कहीं तेजस्वी यादव की राजद को ही फायदा मिल रहा है तथा इसका खामियाजा जदयू को भुगतना पड़ सकता है।