केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के डोमिसाइल नीति पर लिया बड़ा फैसला

जम्मू-कश्मीर से स्पेशल स्टेटस वापस लिए जाने के करीब 8 महीने बाद केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में अब नया डोमिसाइल नियम को लागू कर दिया गया है।

15 सालों से रह रहे नागरिक ही नए डोमिसाइल के होंगे हकदार

अगस्त, 2019 में जम्मू-कश्मीर से स्पेशल स्टेटस वापस लिए जाने के करीब 8 महीने बाद केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए जम्मू-कश्मीर में अब नया डोमिसाइल नियम लागू करने की घोषणा की है। जम्मू-कश्मीर में अब 15 सालों से रह रहे नागरिक ही इस नए डोमिसाइल के हकदार होंगे। नए डोमिसाइल नियम के तहत जिन बच्चों ने 7 वर्ष तक जम्मू-कश्मीर के स्कूलों में पढ़ाई की है और 10वीं या 12वीं क्लास की परीक्षा दी है, वे भी जम्मू-कश्मीर के डोमिसाइल होंगे, उनको हीं सरकारी नौकरी मिल पाएगी।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अधिसूचना जारी की

जम्मू-कश्मीर का नया डोमिसाइल नियम 25500 रुपए के मूल वेतन के साथ आने वाले सभी पदों पर भर्ती के लिए लागू होगा। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा 31 मार्च, 2020 के अधिसूचना के मुताबिक, कोई भी व्यक्ति जो जम्मू-कश्मीर में 15 साल तक रहा हो या जिसने 7 साल की अवधि तक अध्ययन किया हो और वहां कक्षा 10वीं या 12वीं की परीक्षा में उपस्थित हुआ हो, उसको वहां का अधिवास माना जाएगा। गृह मंत्रालय के अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि केंद्र सरकार के अधिकारियों, अखिल भारतीय सेवाओं, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के अधिकारी, वैधानिक निकाय के अधिकारी, केंद्रीय विश्वविद्यालयों के अधिकारी, केंद्र सरकार के स्वायत्त निकाय के अधिकारी, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के अधिकारी और केंद्र सरकार के मान्यता प्राप्त अनुसंधान संस्थान के अधिकारी जिन्होंने 10 वर्षों की कुल अवधि के लिए जम्मू और कश्मीर में सेवा की है उनके बच्चों को भी जम्मू-कश्मीर में अधिवासित माना जाएगा।

नई संशोधन से दूर होगी कश्मीरियों की चिंता

माना जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर में डोमिसाइल नियम में नई संशोधन को उन चिंताओं को दूर करने के लिए डिजाइन किया गया है, जो जम्मू-कश्मीर के लिए केंद्र शासित प्रदेश की स्थिति में जनसांख्यिकीय बदलाव लाएंगे, क्योंकि पूरे देश के किसी भी हिस्से के लोग वहां नौकरी के लिए आवेदन कर सकते हैं और जम्मू-कश्मीर में बस सकते हैं। ध्यान रहे कि भारतीय संसद द्वारा अनुच्छेद 370 को खत्म किए जाने से पहले केवल जम्मू और कश्मीर राज्य के स्थायी निवासी माने जाने वाले लोग ही राज्य सरकार में नौकरी पा सकते थे।

अमित शाह से मिला था कश्मीरी प्रतिनिधिमंडल

गौरतलब है कि कश्मीरी राजनेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल जनसांख्यिकीय बदलाव के मामले को लेकर फरवरी, 2020 में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिला था। कश्मीरी राजनेताओं को  अमित शाह ने भरोसा दिलाया था कि केंद्र सरकार का संघ शासित जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में जनसांख्यिकीय बदलाव करने का इरादा नहीं किया है। अमित शाह ने प्रतिनिधिमंडल को यह भी भरोसा दिलाया था कि जम्मू-कश्मीर के लिए नया डोमिसाइल नियम किसी भी दूसरे राज्य की तुलना में बेहतर होगा।

 

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