केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और CM नीतीश कुमार ने किया महात्मा गांधी सेतु के पूर्वी लेन का उद्घाटन

उत्तर से दक्षिण बिहार को जोड़ने वाला महात्मा गांधी सेतु अब पूरी तरह से नया हो गया है। केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज महात्मा गांधी सेतु के पूर्वी लेन का उद्घाटन किया तथा इसे जनता को समर्पित कर दिया। इसके साथ ही नितिन गडकरी और नीतीश कुमार ने बिहार के लिए कुल 13 हजार 585 करोड़ रुपए की लागत से 15 राष्ट्रीय परियोजनाओं का उद्घाटन-शिलान्यास किया।

महात्मा गांधी सेतु के पूर्वी लेन का हुआ उद्घाटन
उत्तरी और दक्षिणी बिहार को जोड़ने वाले महात्मा गांधी सेतु के पूर्वी लेन का आज 7 जून 2022 को उद्घाटन किया गया। केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महात्मा गांधी सेतु के पूर्वी लेन का उद्घाटन किया। इस लेन के शुरू होने के बाद अब घंटों की जाम से लोगों को मुक्ति मिलेगी, लोग अब मात्र 15 मिनट में हाजीपुर से पटना पहुंच सकेंगे।

अब दोनों लेन से वाहनों का परिचालन शुरू
ध्यान रहे कि कुछ समय पहले तक महात्मा गांधी सेतु की हालत ऐसी थी कि ये कभी भी टूट सकता था, इसके किसी न किसी हिस्से में मरम्मत कार्य सालों भर चलता रहा था, जिसके कारण इस पर हमेशा जाम की स्थिति बनी रहती थी, लेकिन देश में पहली बार किसी पुल के ऊपरी हिस्से को हटाकर सुपर स्ट्रक्चर से बदल दिया गया। इससे पहले साल 2020 में महात्मा गांधी सेतु के पश्चिमी लेन को भी इसी तरह से बदल दिया गया था। महात्मा गांधी सेतु के दोनों लेन का काम पूरा होने के बाद अब यह पूरी तरह से नया हो गया है, अब दोनों लेन से वाहनों का परिचालन शुरू हो गया है।

गांधी सेतु के पुनर्निर्माण में लगे हैं 1742 करोड़ रुपए
गौरतलब है कि केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा महात्मा गांधी पुल का पुनर्निर्माण 1742 करोड़ रुपए की लागत से किया गया है, यह राशि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पैकेज के आधार पर बिहार को दी थी। 1982 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा भारत में नदी पर बने सबसे लंबे पुल के रूप में महात्मा गांधी पुल का उद्घाटन किया गया था। 1999 से 2016 तक यह पुल रिपेयर मोड में चला गया, इसके बाद केंद्र सरकार ने इसके पुनर्निर्माण योजना को मंजूरी दी। माना जाता है कि 5.57 किलोमीटर लंबे महात्मा गांधी पुल के मरम्मत पर करीब 250 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं, जबकि इसके मूल निर्माण की लागत 87 करोड़ रुपए थी।

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