
केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय की पहल पर देश के विभिन्न शहरी निकायों में पिछले सवा महीने के भीतर एक लाख रेहड़ी पटरी वालों को रियायती दर पर ऋण मुहैया करा दिया गया है। जबकि इस दौरान करीब पांच लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हो चुके हैं, जिनकी जांच की जा रही है।
एक लाख रेहड़ी पटरी वालों को मिला कर्ज
केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय की पहल पर देश के विभिन्न शहरी निकायों में पिछले सवा महीने के भीतर एक लाख रेहड़ी पटरी वालों को रियायती दर पर ऋण मुहैया करा दिया गया है। जबकि इस दौरान करीब पांच लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हो चुके हैं, जिनकी जांच की जा रही है। अगले एक वर्ष के भीतर करीब 50 लाख रेहड़ी पटरी वालों को पीएम स्वनिधि योजना का लाभ देने का लक्ष्य है। ध्यान रहे कि कोरोना महामारी के चलते लागू लॉकडाउन से सड़क किनारे रेहड़ी पटरी लगाकर छोटी मोटी दुकान चलाने वालों की रोजी रोटी की समस्या गंभीर हो गई थी, इसलिए उन्हें आर्थिक मदद से उबारने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1 जून, 2020 को प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि की घोषणा की थी।
स्वनिधि योजना में 10 हजार का ऋण
पीएम स्वनिधि योजना में ऐसे लघु कारोबारियों के लिए बैंक से बिना गारंटी के ऋण देने का प्रावधान है। लॉकडाउन के दौरान जिन दुकानदारों की पूंजी टूट गई, उन्हें पीएम स्वनिधि योजना से संभलने का मौका मिलेगा, इस योजना में 10 हजार रुपए का ऋण होगा, जिसे निर्धारित एक वर्ष के लिए 7 फीसदी की ब्याज दर लौटाना होगा, जो व्यापारी इसमें खरा साबित होगा, उसे 1200 रुपए सालाना कैशबैक मिलेगा। इसके बाद बैंक से वह फिर ऋण ले सकता है।
स्वनिधि योजना का लक्ष्य 50 लाख को कर्ज
चालू वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में कुल 50 लाख से अधिक रेहड़ी पटरी वालों को स्वनिधि योजना का लाभ देने का फैसला किया गया है। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय की ओर से पीएम स्वनिधि योजना का शुभारंभ किया गया, इसके तहत केवल शहरी क्षेत्र के 50 लाख रेहड़ी पटरी वालों को वित्तीय मदद मुहैया कराने का फैसला किया गया, इसमें सरकारी व निजी बैंकों के साथ गैर बैंकिंग संस्थाओं को शामिल किया जाएगा जो इन छोटे कारोबारियों की मदद में आगे आएंगी। इस योजना में स्मॉल इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट बैंक ऑफ इंडिया यानि सिडबी सहयोगी संस्था के रूप में काम करेगी।