
कोरोना को लेकर दिल्ली में एक बड़ी खबर है, जो काफी चिंता बढ़ाने वाली है। दिल्ली के राजीव गांधी सुपर स्पेशिऐलिटी अस्पताल से डिस्चार्ज हो चुके दो कोरोना मरीजों में दोबारा कोरोना होने की पुष्टि हुई है। दोनों ही मरीजों ने राजीव गांधी अस्पताल को फोन करके इसकी जानकारी दी, उनमें से एक मरीज एसिम्टोमैटिक है।
डेढ़ महीने बाद फिर से कोरोना पॉजिटिव
कोरोना को लेकर दिल्ली में एक बड़ी खबर है, जो काफी चिंता बढ़ाने वाली है। दिल्ली के राजीव गांधी सुपर स्पेशिऐलिटी अस्पताल से डिस्चार्ज हो चुके दो कोरोना मरीजों में दोबारा कोरोना होने की पुष्टि हुई है। दोनों ही मरीजों ने राजीव गांधी अस्पताल को फोन करके इसकी जानकारी दी, उनमें से एक मरीज एसिम्टोमैटिक है। राजीव गांधी सुपर स्पेशिऐलिटी अस्पताल के कोविड केयर के नोडल अफसर डॉ. अजीत जैन ने बताया कि दोनों मरीज दोबारा संक्रमण का शिकार कैसे हुए, अभी तक इसका कारण पता नहीं चला है, इसको लेकर अस्पताल की एक टीम काम कर रही है।
दोनों डेढ़ महीने पहले हुआ था डिस्चार्ज
डॉ. अजीत जैन ने इस मामले में कहा कि सैंपलिंग एरर की वजह से मरीज दोबारा पॉजिटिव पाए गए हों, कई बार सैंपलिंग एरर की वजह से मरीजों के रिपोर्ट गलत आ जाती है। डॉ. अजीत जैन ने कहा कि चीन में एक मरीज ऐसा मिला था, जो एंटीबॉडी टेस्ट के 30 दिन बाद दोबारा पॉजिटिव आया था। उन्होंने बताया कि किसी भी मेथड से टेस्ट किया जाए, लेकिन थोड़ा कम या ज्यादा सैंपलिंग एरर की संभावना रहती है, इन दोनों मरीजों को करीब डेढ़ महीने पहले डिस्चार्ज कर दिया गया था।
39 दिनों तक जिंदा रह सकता है वायरस
डॉ. अजीत जैन ने कहा कि दूसरी संभावना यह है कि नाक या गले के स्वैब के बजाय थूक या बलगम में 39 दिनों तक वायरस जीवित रह सकता है। उन्होंने कहा कि कुछ डॉक्टर्स का दावा है कि अभी तक इस बात का कोई ठोस प्रमाण नहीं मिला है कि ठीक हो चुके व्यक्ति को दोबारा कोरोना हो सकता है या नहीं। हालांकि, जिस तरह से दोबारा मरीजों के कोविड पॉजिटिव पाए जाने की पुष्टि हुई है, यह काफी चिंता का विषय जरूर है।