दिल्ली हाई कोर्ट ने क्रॉस जेंडर मसाज सेवाओं पर लगी रोक हटाई, कोर्ट ने कही कुछ बड़ी बातें…जानिए

दिल्ली हाई कोर्ट ने देश की राजधानी दिल्ली में क्रॉस जेंडर मसाज सेवाओं पर लगी रोक को हटा दिया है। साथ ही दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली के तीनों नगर निगम और दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया है कि एक हफ्ते के भीतर अपने-अपने क्षेत्र का निरीक्षण करें और बिना लाइसेंस वाले सभी स्पा को बंद करने के लिए उचित कदम उठाएं।

क्रॉस जेंडर मसाज सेवाओं पर लगी रोक हटी
दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली में क्रॉस जेंडर मसाज सेवाओं (Cross Gender Massage) को प्रतिबंधित करने पर 16 दिसंबर को रोक लगा दी। दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि स्पा में पूर्ण प्रतिबंध लगाने और वेश्यावृत्ति को रोकने के बीच कोई तार्किक संबंध नहीं है। प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही जज जस्टिस रेखा पल्ली ने कहा कि अचानक पाबंदी से स्पा उद्योग में कार्यरत लोगों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

जस्टिस रेखा पल्ली ने कही बड़ी बातें
जस्टिस रेखा पल्ली कहा कि ‘मेरा प्रथमदृष्टया विचार है कि क्रॉस जेंडर मसाज पर इस तरह के पूर्ण प्रतिबंध का नीति के उस उद्देश्य से कोई उचित संबंध नहीं कहा जा सकता है, जो कि स्पा के कामकाज को विनियमित करना है और यह सुनिश्चित करता है कि शहर में कोई अवैध तस्करी या वेश्यावृत्ति नहीं हो।’ जस्टिस पल्ली ने कहा कि प्रतिवादी अधिकारियों को स्पा केंद्रों को विनियमित करने के लिए उपाय करने चाहिए ताकि इस तरह की अवैध गतिविधियों को रोका जा सके, ऐसा प्रतीत होता है कि प्रतिबंध लगाने की नीति स्पा सेवाओं में शामिल पेशेवरों के परामर्श के बिना बनाई गई थी।

‘क्रॉस जेंडर’ मसाज पर रोक लगाई गई थी
दरअसल, क्रॉस जेंडर मसाज का मतलब है कि किसी पुरुष की मालिश कोई महिला करे या किसी महिला की मालिश कोई पुरुष करे। अदालत ने आदेश दिया कि ‘इसलिए यह निर्देश दिया जाता है कि अगली तारीख तक, नीति के क्रियान्वयन और इसी तरह के उपबंधों पर रोक रहेगी।’ ध्यन रहे कि अदालत कुछ स्पा केंद्रों के मालिकों और चिकित्सकों की याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें दिल्ली सरकार के नीतिगत दिशा-निर्देशों को चुनौती दी गई थी, जिनके तहत ‘क्रॉस जेंडर’ मसाज पर रोक लगाई गई थी और इसके बाद दिल्ली नगर निगमों ने निर्देश पारित किए थे।

हम कोविड से बाहर आ रहे हैं- अदालत
अदालत ने कहा कि ‘हम कोविड से बाहर आ रहे हैं, ये पुरुष और महिलाएं हैं जिन्होंने इतने सालों तक प्रशिक्षण लिया है, यह उनकी आजीविका से भी संबंधित है।’ अदालत ने जनवरी 2022 में मामले की अगली सुनवाई तक प्रतिबंध को लागू करने पर रोक लगा दी है। अदालत ने निर्देश दिया कि तीनों नगर निगम और दिल्ली पुलिस एक हफ्ते के अंदर अपने-अपने क्षेत्र का निरीक्षण करें और बिना लाइसेंस वाले सभी स्पा को बंद करने के लिए उचित कदम उठाएं। जस्टिस रेखा पल्ली ने कहा कि मुझे दुख होता है कि यह नगर निगमों और पुलिस की नाक के नीचे हो रहा है, वे भूल जाते हैं कि घर में उनकी पत्नियां, बेटियां और बहनें हैं।’

प्रतिबंध व्यापक जनहित में था- राहुल मेहरा
दिल्ली सरकार की ओर से पेश सीनियर वकील राहुल मेहरा ने कहा कि प्रतिबंध व्यापक जनहित में था और इसे व्यक्तिगत अधिकारों पर लागू होना चाहिए, दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) से एक सिफारिश प्राप्त हुई थी, जो व्यापक शोध के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंची कि स्पा केंद्र वस्तुत वेश्यावृत्ति केंद्रों के रूप में चलाए जा रहे है। डीसीडब्ल्यू और नगर निगमों की ओर से पेश वकीलों ने भी प्रतिबंध का बचाव किया। याचिकाकर्ताओं में से एक की ओर से सीनियर वकील सचिन दत्ता ने दलील दी कि स्पा मालिकों के मौलिक अधिकार को कार्यकारी आदेश द्वारा नहीं लिया जा सकता है और सभी स्पा केंद्रों को समान रूप से चित्रित नहीं किया जा सकता है।

Load More Related Articles
Load More By RN Prasad
Load More In नोएडा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

PM मोदी बिहार से लोकसभा चुनाव अभियान का आगाज करेंगे, पश्चिम चंपारण के बेतिया में 13 जनवरी को पहली रैली करेंगे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2024 लोकसभा चुनाव अभियान की शुरुआत बिहार से कर सकते हैं। न्यूज ए…