दिल्ली में ऐतिहासिक पेड़ को बचाने के लिए सामने स्थानीय लोग…जानिए पूरा मामला !

पुरानी दिल्ली की नई सड़क स्थित बड़ हवेली में लगे सैकड़ों वर्ष पुराने पेड़ को लेकर विवाद दिल्ली हाई कोर्ट में विचाराधीन है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह बरगद का यह पेड़ करीब 300 साल पुराना हैं, जहां वर्षों से पुरानी दिल्ली के अलग-अलग इलाकों से लोग आकर पूजा पाठ करते हैं, यह स्थानीय नागरिकों की आस्था से जुड़ा हुआ है, जिसे नहीं काटा जाना चाहिए।

बरगद का यह पेड़ 300 साल पुराना

पुरानी दिल्ली की नई सड़क स्थित बड़ हवेली में लगे सैकड़ों वर्ष पुराने पेड़ को लेकर विवाद दिल्ली हाई कोर्ट में विचाराधीन है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह बरगद का यह पेड़ करीब 300 साल पुराना हैं, जहां वर्षों से पुरानी दिल्ली के अलग-अलग इलाकों से लोग आकर पूजा पाठ करते हैं, यह स्थानीय नागरिकों की आस्था से जुड़ा हुआ है, जिसे नहीं काटा जाना चाहिए। वहीं दूसरे पक्ष ने स्थानीय प्रशासन से अनुमति लेकर इसे काटने की तैयारी की तो स्थानीय लोग ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। नई सड़क के स्थानीय निवासी अतुल गुप्ता ने बताया यह पेड़ करीब 300 साल पुराना है, यह ऐतिहासिक पेड़ हैं।

यह पेड़ लोगों की आस्था का केंद्र

अतुल गुप्ता ने कहा मुगल काल में कुछ लोगों पर हमला किया गया था, इसके बाद हमले में घायल हुए उन लोग को इसी पेड़ की छांव में लाया गया था, जहां पुरानी दिल्ली के डॉक्टर माथुर ने उनका उपचार किया था। उन्होंने कहा कि यह पेड़ लोग की आस्था का केंद्र भी हैं, जहां आस-पास के हजारों लोग पूजा करते हैं, बड़ सावित्री के पर्व पर यहां दूर-दूर से लोग आकर पूजा करते हैं। स्थानीय निवासी संजीव अग्रवाल ने कहा कि इस पेड़ को लोग की आस्था से जोड़कर देखा जाना चाहिए, जिसे नहीं काटा जाना चाहिए।

यह मामला हाई कोर्ट में विचाराधीन

वहीं, कुछ लोगों ने बताया कि पिछले दिनों इस प्लाट के मालिकों ने पुरानी दिल्ली की जलान एडं नामक कंपनी को यह प्लाट बेच दिया था, इस कंपनी के चार मालिकों ने इस पेड़ को कटवाने के लिए स्थानीय प्रशासन से अनुमति ली, जिसके बाद पेड़ को कटवाने की तैयारी की जा रही थी। इस बीच कॉलोनी के ही लोग ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की और पेड़ को नहीं कटने की मांग की, इस पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि कोई भी 300 साल पुराने पेड़ को कैसे काट सकता है। अभी यह मामला दिल्ली हाई कोर्ट में विचाराधीन है।

Load More Related Articles
Load More By RN Prasad
Load More In नोएडा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

हेमंत सोरेन ने ली मुख्यमंत्री पद की शपथ, तीसरी बार बने झारखंड के मुख्यमंत्री

झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने एक बार फिर आज गुरुवार को (4 जुलाई…