चिलचिलाती धूप…पारा 40 पार…आंखें भी इस धूप में सही तरह से खुल नहीं रहीं…इसके बावजूद गुजरात के गांव राधू के श्री कामनाथ महादेव मंदिर में लगातार श्रद्धालु आ रहे हैं। इस मंदिर में जोत 100 साल पुराने घी से जलती है। राधू गांव, यह अहमदाबाद से लगभग 50 किलोमीटर और नडियाद से लगभग 35 किलोमीटर दूर खेड़ा जिले में है। धोलका हाईवे इसके पास है, यहां लगभग 629 साल पुराना शिव मंदिर है…श्री कामनाथ महादेव मंदिर। राधू गांव के लोग महादेव को ‘दादा’ कहते है, इस मंदिर तक आप अपने निजी साधन से ही जा सकते हैं, कोई पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सुविधा यहां पहुंचने के लिए नहीं है।
महिला-गैर ब्राह्मणों को गर्भगृह में प्रवेश पर रोक
महिलाओं, गैर ब्राह्मणों और बच्चों को मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश करने की इजाजत नहीं है। यहां के शास्त्री चिराग पुरोहित बताते हैं कि दुनिया में कोई भी आ जाए यहां तक कि प्रधानमंत्री भी आ जाएं तो उन्हें भी गर्भगृह में जाने की इजाजत नहीं है। गर्भगृह में कोई बिजली नहीं है बावजूद इसके गर्भगृह का शिवलिंग देखा जा सकता है। गर्भगृह में दो जोत जल रही हैं। जब से मंदिर बना है तब से दाएं ओर वाली जोत ऐसे ही जल रही है। सभी इस अखंड जोत को देखना चाहते हैं। इस मंदिर में दूर-दूर से श्रद्धालु मन्नत मांगने आते हैं। मन्नत पूरी हो जाती है तब वापस आकर घी चढ़ाते हैं।
इस वक्त 80 हजार किलो घी है मंदिर में
महाशिवरात्रि और श्रावण मास में यहां नगर पालकी निकलती है। गांव में मेला लगता है। यहां मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और विदेशों से भी श्रद्धालु आते हैं। गुजरात के इस इलाके में NRI बड़ी तादाद में रहते हैं। मंदिर का सारा प्रबंधन ट्रस्ट से होता है। गुजरात सरकार के अधीन आने वाले इस मंदिर के मुख्य ट्रस्टी अजीत सिंह गुरबा सिसोदिया बताते हैं कि यहां इस वक्त लगभग 80,000 किलो घी है। जिसमें सबसे पुराना घी 100 साल पुराना है। परिसर में चार कमरे घी भंडारण के लिए है। जहां लगभग 1200 मटकों में 80 हजार किलो घी रखा है। पहले कमरे में रखे मटकों में सबसे पुराना घी है और चौथे नंबर के कमरे में रखा है ताजा घी।