साइक्लोन मोका शुक्रवार रात मध्य और इससे सटे दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल गया है। इसका असर दुनिया के सबसे बड़े रिफ्यूजी कैंप पर भी पड़ सकता है। वर्ल्ड मेट्रोलॉजिकल ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक, साइक्लोन के चलते अगर बाढ़ या लैंडस्लाइड होता है तो ये बांग्लादेश-म्यांमार बॉर्डर पर स्थित रोहिंग्या रिफ्यूजी कैंप को तबाह कर सकता है। इस रिफ्यूजी कैंप में करीब 8 लाख 80 हजार रोहिंग्या रहते हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बताया कि चक्रवाती तूफान बीते 6 घंटों में 15 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से उत्तर-उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ा। 14 मई की दोपहर तूफान के बांग्लादेश के कॉक्स बाजार और म्यांमार के क्यौकप्यू को पार करने की आशंका है। इस दौरान हवा की स्पीड 150-160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से 175 किलोमीटर प्रति घंटा हो सकती है।
WHO रिफ्यूजी कैंप के लिए राहत किट भेजेगा
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा कि वो रिफ्यूजी कैंप के लिए 33 मोबाइल मेडिकल टीमों, 40 एंबुलेंस के साथ-साथ इमरजेंसी सर्जरी और हैजा किट भेजने की तैयारी कर रहा है। वहीं, म्यांमार के रखाइन राज्य में निचले इलाकों के निवासी शुक्रवार को अपने घरों को छोड़कर राजधानी सितवे में आ गए। इसके अलावा करीब 1 हजार लोग एक मठ में शरण लेने की तैयारी कर रहे हैं।
पश्चिम बंगाल में NDRF की 8 टीमें
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएएमडी) का कहना है कि तूफान अब उत्तर-उत्तरपूर्व की ओर बढ़ गया है। फिलहाल अंडमान-निकोबार, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में अलर्ट जारी किया गया है। खतरे को देखते हुए बंगाल के दीघा में NDRF की 8 टीमों और 200 बचावकर्मियों को तैनात किया गया है। वहीं, 100 बचावकर्मियों को रिजर्व में रखा गया है। IMD के सीनियर वैज्ञानिक संजीव द्विवेदी ने ताजा अपडेट शेयर करते हुए कहा कि चक्रवाती तूफान फिर हल्के से उठेगा। 13 मई को यह अपने चरम पर होगा।। हालांकि सिस्टम लगातार इसकी निगरानी कर रहा है।
मछुआरों को बंगाल की खाड़ी में ना जाने की सलाह
मौसम विभाग ने मछुआरों और शिप्स को रविवार तक मध्य और उत्तरपूर्व बंगाल की खाड़ी और उत्तरी अंडमान सागर में ना जाने की सलाह दी है। वहां पहले से मौजूद जहाजों को तट पर लौटने के लिए कहा गया है। मोका की वजह से त्रिपुरा और मिजोरम में शनिवार को भारी बारिश होने की संभावना है। रविवार को नगालैंड, मणिपुर और साउथ असम में कई जगहों पर बारिश हो सकती है।
175 किमी/घंटा की स्पीड से चलेंगी हवाएं
मौसम विभाग के मुताबिक, तूफान रविवार को उत्तर-उत्तरपूर्व में मुड़ जाएगा। तूफान के बांग्लादेश के कॉक्स बाजार और म्यांमार के सित्तवे शहर के बीच लैंडफॉल करने की उम्मीद है। इस दौरान 175 किमी/घंटा की स्पीड से हवाएं चलेंगी।
चक्रवात को मोका नाम कैसे मिला?
मोका तूफान का नाम यमन ने तय किया है। लाल सागर से लगे यमन के तटीय शहर मोका या मुखा ने 500 साल पहले दुनिया के सामने मोका कॉफी पेश की थी। इसी शहर के नाम पर तूफान को मोका नाम दिया गया है।