वैश्विक महामारी कोविड-19 संकट के इस वक्त में अम्फान चक्रवात से निपटने के लिए एनडीआरएफ ने कुल 41 टीमों को ओडिशा तथा पश्चिम बंगाल में तैनात किया है। ये टीमें जागरूकता फैलाने के साथ लोगों को बाहर निकालने का काम कर रही हैं।
एनडीआरएफ की 41 टीमें ओडिशा तथा पश्चिम बंगाल में तैनात
वैश्विक महामारी कोविड-19 संकट के इस वक्त में अम्फान चक्रवात से निपटने के लिए एनडीआरएफ यानि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन बल के प्रमुख एस एन प्रधान ने आज कहा कि एनडीआरएफ की कुल 41 टीमों को ओडिशा तथा पश्चिम बंगाल में तैनात किया गया है। ये टीमें जागरूकता फैलाने तथा जानकारियां पहुंचाने के साथ ही लोगों को बाहर निकालने का काम कर रही हैं, पश्चिम बंगाल में दो टीम बैकअप में हैं। एस एन प्रधान कहा कि हम इस समय दोहरी चुनौती का सामना कर रहे हैं।
एनडीआरएफ ने 6 बटालियन बैकअप रखा
प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए एस एन प्रधान ने कहा कि हमने अतिरिक्त बैकअप रखा है, एनडीआरएफ की 6 बटालियन (1,4,5,9,10,11) को इसमें शामिल की हैं, इसमें से 11वीं बटालियन वाराणसी में है, 9वीं बटालियन पटना में, 1 बटालियन गुवाहाटी में, 10वीं बटालियन विजयवाड़ा में, चौथी बटालियन अरक्कोनम में तथा 5वीं बटालियन पुणे में है, उनके पास मिलिट्री एयरपोर्ट है तथा उन्हें तुरंत लाया जा सकता है, हर बटालियन में 4 टीम हैं, ऐसे में हमारे पास 24 अतिरिक्त टीम हैं।
वर्ष 1999 के बाद बंगाल की खाड़ी में बना सबसे तीव्र चक्रवात
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद आईएमडी यानि भारतीय मौसम विभाग के प्रमुख मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि यह दूसरा सुपर साइक्लोन वर्ष 1999 के बाद बंगाल की खाड़ी में बना सबसे तीव्र चक्रवात है, समुद्र में इसकी हवाओं की रफ्तार इस समय 200-240 किलोमीटर प्रतिघंटा के बीच है, यह उत्तर-उत्तरी पश्चिमी दिशा में बढ़ रहा है।
उत्तरी और दक्षिणी 24 परगना तथा पूर्वी मिदनापुर जिले चक्रवात से प्रभावित होंगे
मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि पश्चिम बंगाल में उत्तरी और दक्षिणी 24 परगना तथा पूर्वी मिदनापुर जिलों की चक्रवात से प्रभावित होने की संभावना है, जबकि कोलकाता, हुगली, हावड़ा तथा पश्चिमी मिदनापुर जिलों को 110-120 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवाओं का सामना करना पड़ेगा, यह 135 किलोमीटर प्रति घंटा तक जा सकती है। महापात्रा ने कहा कि हम उष्णकटिबंधीय चक्रवात के कारण केरल में मॉनसून के आगमन में थोड़ी देरी की उम्मीद कर रहे हैं, केरल में मॉनसून 5 जून को आ सकता है।
प्रभावित जिलों में लोगों को निकालने के लिए एसएमएस भेजी जा रही है
इस दौरान टेलीकॉम सेक्रेट्री सचिव अंशु प्रकाश ने कहा कि टेलीकॉम सेवा प्रदाताओं को कहा गया है कि पर्याप्त संख्या में जेनरेटर का इंतजाम कर लें, इसके लिए डीजल की व्यवस्था कर लें तथा इन्हें हर जिले में पहुंचाएं, जिससे कि अगर बिजली सेवा प्रभावित होती है तो इन जेनरेटर की सहायता से टॉवर काम कर सकें, प्रभावित जिलों में लोगों को निकालने के लिए एसएमएस के माध्यम से अलर्ट और जानकारियां भेजी जा रही हैं।