आध्यात्मिक गुरु पुलकित महाराज का विवादित बयान, कहा- हिन्दुओं तुम भी आतंकी बन जाओ, पुलिस ने दर्ज की FIR

भारत के प्रसिद्ध कथक डांसर और आध्यात्मिक गुरु पुलकित महाराज के विवादित बयान का वीडियो कल यानि रविवार रात को सोशल मीडिया में वायरल हो गया। इस वीडियो में पुलकित महाराज एक धर्म को लेकर विवादित टिप्पणी करते सुना जा सकते हैं।

पुलकित महाराज का विवादित बयान का वीडियो वायरल
देशभर में मस्जिदों में लाउडस्पीकर प्रतिबंध को लेकर देशभर में छिड़ी बहस के बीच एक प्रसिद्ध कथक डांसर और आध्यात्मिक गुरु पुलकित मिश्रा उर्फ पुलकित महाराज के कथित विवादित बयान का वीडियो 10 अप्रैल 2022 की रात को सोशल मीडिया में वायरल हो गया। इस वीडियो में पुलकित महाराज एक धर्म को लेकर विवादित टिप्पणी करते सुने जा सकते हैं। वायरल वीडियो साहिबाबाद से जुड़ा होना बताया गया है। वीडियो में पुलकित महाराज एक धर्म के लोगों के तेज आवाज में पूजा-अर्चना को लेकर विवादित टिप्पणी करने के साथ ही उन्हें हिंदू धर्म में शामिल होने का प्रस्ताव दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि महमूद गजनवी अभी मरा नहीं बल्कि इनमें से ही एक है।

पुलिस वायरल वीडियो की जांच कर रही है
पुलकित महाराज का यह वीडियो समाजवादी पार्टी के मीडिया सेल के ट्विटर हैंडल से भी शेयर किया गया है। इस विडियो में वह हिंदुओं से भी आतंकवादी बनने की अपील करते सुने जा सकते हैं। हालांकि, अभी तक इस वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं हुई है। वहीं, इस विवादित बयान के संबंध में गाजियाबाद पुलिस ने साहिबाबाद थाने में मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस वायरल वीडियो की जांच-पड़ताल भी कर रही है।

पुलकित महाराज खुद को बताते थे PM मोदी का गुरु
गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने साल 2018 में कथक डांसर पुलकित महाराज उर्फ पुलकित मिश्रा को रोहिणी सेक्टर-18 से गिरफ्तार किया था, उन पर आरोप था वह खुद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आध्यात्मिक गुरु बताकर अलग-अलग राज्यों में सुरक्षा और वीआईपी प्रोटोकॉल की मांग करते थे। दिल्ली पुलिस ने पीएमओ से मिली शिकायत के बाद पुलकित महाराज पर केस दर्ज किया था।

पुलकित के पास से बरामद हुए थे 20 फर्जी लेटर हेड
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने उस वक्त पुलकित महाराज के ठिकाने से अलग-अलग मंत्रालयों के 20 फर्जी लेटर हेड बरामद किए थे। यह भी आरोप था कि पुलकित महाराज जब भी दिल्ली से बाहर किसी अन्य राज्य में जाते थे तो केंद्र सरकार की तरफ से संबंधित राज्य सरकार को एक फर्जी ईमेल भेजते थे। फर्जी ईमेल में बताया जाता था कि राष्ट्रपति से सम्मानित देश के जाने-माने कत्थक महाराज उनके यहां आने वाले हैं, इसलिए उन्हें राज्य अतिथि की तरह वीआईपी सुविधाएं प्रदान की जाएं, साथ ही उनके लिए वीआईपी सुरक्षा का भी बंदोबस्त किया जाए।

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