Corona Vaccination: देश में 25 लाख से अधिक लोगों को लगी वैक्सीन, भारत में सबसे तेज वैक्सीनेशन

भारत में कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर आज 28 जनवरी को एक बड़ी खबर है। भारत में अब तक 25 लाख से अधिक लोगों को कोरोना वैक्सीन दी जा चुकी है, इसके साथ ही कोरोना वैक्सीनेशन की रफ्तार पूरी दुनिया में सबसे तेज भारत में ही है।

25 लाख से अधिक लोगों को लगी वैक्सीन
भारत में कोरोना वायरस और कोरोना वैक्सीनेशन की स्थिति पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि आज 28 जनवरी को दोपहर 2 बजे तक 25 लाख से अधिक कोरोना वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है। भारत में इस वक्त 1,73,000 कोरोना के सक्रिय मामले हैं। देश में कोरोना से प्रतिदिन होने वाली मृत्यु 125 से कम हो गई है, देश में केरल और महाराष्ट्र में कोरोना के सक्रिय मामले सबसे ज्यादा हैं। ध्यान रहे कि कोरोना वायरस के खात्मे के लिए दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन अभियान भारत में चल रहा है।

कोरोना वैक्सीनेशन में भारत सबसे तेज
राजेश भूषण ने कहा कि पहले 10 लाख लोगों को वैक्सीनेशन तक पहुंचने के लिए भी भारत सबसे तेज था, हमने इसे 6 दिनों के भीतर हासिल किया, वहीं अमेरिका ने 10 दिनों में, स्पेन ने 12 दिनों में, इजराइल ने 14 दिनों में, ब्रिटेन ने 19 दिनों में, जर्मनी ने 20 दिनों में और यूएई ने 27 दिनों में यह किया। उन्होंने कहा कि 16 जनवरी को हमने 3374 वैक्सीनेशन सेशन किए, 19 जनवरी को यह संख्या बढ़ाकर 3800 वैक्सीनेशन सेशन किए, 22 जनवरी को 6200 वैक्सीनेशन सेशन किए, 25 जनवरी को 7700 वैक्सीनेशन सेशन किए तथा आज 28 जनवरी को 9000 केंद्रों पर वैक्सीनेशन की प्रकिया चल रही है।

वैक्सीनेशन में ओडिशा, हरियाणा बेहतर
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, कोरोना वैक्सीनेशन में ओडिशा, हरियाणा, राजस्थान, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश का बेहतर प्रदर्शन रहा, इन राज्यों में 35 फीसदी से अधिक स्वास्थ्य कर्मियों का वैक्सीनेशन किया गया, वहीं तमिलनाडु, दिल्ली, झारखंड, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र में 21 फीसदी से कम वैक्सीनेशन किया गया, इसमें सुधार की आवश्यकता है।

कोरोना का नया स्ट्रेन 70 देशों में मौजूद
इंडियन कॉन्सिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के डीजी बलराम भार्गव ने कहा कि ब्रिटेन में पाया गया कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन अब 70 देशों में मौजूद है और हमने भारत में इसके 164 मामलों की पहचान की है, हम 23-23 दिसंबर को ब्रिटेन से आने वाले पहले मामले को खोज निकाला, एक हफ्ते के समय में हम इन रोगियों और क्लचर से रक्त एकत्र करने में सक्षम थे। बलराम भार्गव ने कहा कि हम जानना चाहते हैं कि वर्तमान वैक्सीन ब्रिटेन में पाए गए नए स्ट्रेन पर काम कर रहा है या नहीं, हमारे पास इस पर काम करने वाली कुछ वैक्सीनों के बारे में प्रारंभिक रिपोर्ट हैं, हमने उन रोगियों के डेटा को देखा, जिन्हें कोवाक्सिन से इम्यून किया गया था, हमने उनका रक्त निकाला, सीरम निकाला और कल्चर वायरस के साथ टेस्ट किया।

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