
ज्ञानवापी मामले पर वाराणसी की दो अदालतों में चल रहे मामलों की सुनवाई फिलहाल गर्मी की छुट्टी के बाद तक के लिए टल गई है। इस मामले की वाराणसी जिला जज की अदालत में 4 जुलाई 2022 और फास्ट ट्रैक कोर्ट में 8 जुलाई 2022 को सुनवाई होगी।
ज्ञानवापी मामले में आज 2 अदालतों में हुई सुनवाई
वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के मामले में आज 30 मई 2022 को 2 अदालतों में सुनवाई हुई। वाराणसी जिला जज और सिविल जज की फास्ट ट्रैक कोर्ट में 2 अलग-अलग मुकदमों में सुनवाई को बाद गर्मी की छुट्टी तक के लिए मामला टाल दिया गया है। वैधता पर मुस्लिम पक्ष ने अपनी दलीलें जारी रखीं। लगातार 2 घंटे तक अदालत ने दलील सुनने के बाद समय कम होने के कारण मामले को टाल दिया है, अब 4 जुलाई 2022 को अदालत इसे सुनेगी, उस दिन भी मुस्लिम पक्ष अपनी दलील जारी रखेगा।
मुस्लिम पक्ष ने हिंदुओं के दावे पर आपत्तियां दर्ज कराई
वाराणसी के जिला जज की अदालत में सुनवाई शुरू होते ही अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से दलीलें रखी गई। मुस्लिम पक्ष अपनी दलीलों में पूरे मामले को खारिज करने की बात कहता रहा, मुस्लिम पक्ष ने हिंदुओं के दावे पर आपत्तियां दर्ज कराई। इससे पहले 26 मई 2022 को भी मुस्लिम पक्ष की तरफ से कई दलीलें दी गई थीं जिसमें केस को रफा दफा किए जाने की बात की गई थी, इस दौरान मुस्लिम पक्ष ने हिंदू पक्ष की याचिका खारिज करने की मांग की थी और साथ ही दावा किया था कि ज्ञानवापी परिसर में शिवलिंग नहीं, वुजूखाने का फव्वारा है।
अदालत ने रखी शपथपत्र की भी शर्त
अदालत ने आज कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद की सर्वे रिपोर्ट और वीडियोग्राफ के साथ फोटोग्राफ दोनों पक्षों को मिलेगी। वीडियो और फोटो के लिए अदालत ने शपथपत्र की शर्त भी रखी है, दोनों पक्षों से इस बारे में शपथपत्र मांगा गया है। शपथपत्र में शर्त रखी गई है कि इसे सार्वजनिक नहीं किया जाए। अदालत ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि दोनों पक्ष केवल अपने अध्ययन के लिए इसका इस्तेमाल करेंगे, इसे किसी अन्य को नहीं देंगे।
वीडियो और फोटो देने का दिया गया था आदेश
बीते शुक्रवार यानि 27 मई को वाराणसी जिला अदालत में इस मुद्दे पर सुनवाई हुई थी कि क्या सर्वे की रिपोर्ट और वीडियोग्राफी को सार्वजनिक किया जाए, इस विषय पर हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्षों की राय अलग अलग थी। ज्ञानवापी मस्जिद समिति ने अदालत से अनुरोध किया है कि सर्वेक्षण की तस्वीरें और वीडियो सार्वजनिक नहीं होने दें, वहीं हिंदू पक्ष ने मुस्लिम पक्ष की दलील का विरोध किया था, जिसके बाद वाराणसी जिला अदालत ने आदेश दिया था कि 30 मई 2022 को दोनों पक्षों को ज्ञानवापी सर्वे के वीडियो और फोटो दिए जाएंगे।