
भारतीय सुरक्षाबलों को आज लाइन ऑफ कंट्रोल के पास बड़ी सफलता मिली है। भारतीय सुरक्षाबलों ने लाइन ऑफ कंट्रोल के पास आतंकी संगठनों के गाइड हाजी आरिफ को मार गिराया है। हाजी आरिफ पाकिस्तान की सेना में भी रह चुका है।
हाजी आरिफ को सुरक्षाबलों ने मार गिराया
पाकिस्तानी फौज और खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ आतंकी संगठनों को बड़ा झटका लगा है। भारतीय सुरक्षाबलों ने आज 26 नवंबर को आंतकी संगठनों के एक बड़े गाइड हाजी आरिफ को लाइन ऑफ कंट्रोल के पास मार गिराया है। हाजी आरिफ पहले पाकिस्तानी फौज में ही था, लेकिन आंतकी तंजीमों के साथ उसके संबंधों को देखते हुए पाक प्रशासन ने उसे सीमा के पास ही जमीन दे दी थी और उसे पाकिस्तान के धारकुंडी खुरैटा सेक्टर का लॉन्च पैड कमांडर भी बना दिया था।
सूचना मिलने पर सुरक्षाबलों ने इलाकों की घेराबंदी की
सुरक्षा एजेंसी के एक आला अधिकारी ने बताया कि भारतीय सुरक्षाबलों को सूचना मिली थी कि लाइन ऑफ कंट्रोल के पास आतंकियों का एक ग्रुप घुसपैठ करने वाला है और इस ग्रुप में 3 से 5 आतंकी हो सकते हैं, यह भी पता चला था कि इस ग्रुप में लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी हो सकते हैं। सूचना के आधार पर सुरक्षाबलों ने भिंबर गली और आसपास के इलाकों की घेराबंदी की और आज आए आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई, मुठभेड़ के दौरान सुरक्षाबलों ने एक आतंकी को मार गिराया।
हाजी आरिफ पहले पाकिस्तानी फौज में था
सुरक्षा एजेंसी के आला अधिकारी ने बताया कि मारे गए आतंकी की पहचान हाजी आरिफ के तौर पर हुई है, यह भी पता चला कि हाजी आरिफ को लॉन्चिंग पैड का कंमाडर भी बनाया गया था और पिछले कई सालों से वह आतंकियों को भारतीय सीमा में घुसपैठ करा रहा था, उसके इस काम में पाकिस्तानी स्पेशल फोर्स और पाक रेंजर्स भी साथ दे रहे थे। यह भी पता चला कि हाजी आरिफ पहले पाकिस्तानी फौज में ही था, लेकिन उस दौरान उसके आतंकी तंजीमों से अच्छे संबंध बन गए, जिसके बाद उसे पाक फौज और आईएसआई ने धारकुंडी खुरैटा सेक्टर में जमीने भी दे दी और वहीं से उसे आतंकियों को भारत में घुसपैठ कराने को कहा गया था।
हाजी को हर गली और दर्रो का अच्छा ज्ञान था
हाजी आरिफ को उस इलाके की हर छोटी बड़ी गली और दर्रो का अच्छा ज्ञान था, लिहाजा वह हर बार भारतीय फौज के हाथ से बच निकलता था। बताया जा रहा है कि साल 2018 में नौशेरा सेक्टर के पास हुए बैट एक्शन में भी हाजी आरिफ गाइड था, अब तक की जांच से पता चला है कि जो गाइड हाजी आरिफ दूसरों के बच्चों को गुमराह कर उन्हें भारत में जेहाद करने के लिए भेजता था, उसके खुद के 2 बच्चे हैं, जिनमें से एक दुबई और दूसरा सऊदी अरब में रहता है।