
असम में ऐतिहासिक कार्बी आंलगोंग समझौता हुआ है, यह ऐतिहासिक समझौता केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में हुआ। इस ऐतिहासिक समझौते की जानकारी गृह मंत्री अमित शाह ने ट्विट करके दी है।
अमित शाह की मौजूदगी में कार्बी आंलगोंग समझौता
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में आज 4 सितंबर को ऐतिहासिक कार्बी आंलगोंग समझौता हुआ है। आज दिल्ली में आयोजित त्रिपक्षीय कार्बी शांति समझौते पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और कार्बी संगठनों के प्रतिनिधियों ने हस्ताक्षर किए हैं। ऐतिहासिक समझौते के बाद अमित शाह ने ट्विट करके कहा, ‘ऐतिहासिक कार्बी आंगलोंग समझौते पर हस्ताक्षर हुआ है, मोदी सरकार दशकों पुराने संकट को हल करने और असम की क्षेत्रीय अखंडता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।’
शाह की मौजूदगी में 1000 कैडर्स ने डाले हथियार
अमित शाह ने कहा, ‘आज 5 से अधिक संगठनों के लगभग 1000 कैडर ने हथियार डालकर मुख्यधारा में आने की शुरुआत की है, कार्बी आंगलोंग के संबंध में असम सरकार 5 साल में एक क्षेत्र के विकास के लिए 1000 करोड़ रुपए खर्च करेगी, नरेंद्र मोदी सरकार की नीति है कि जो समझौता हम करते हैं, उसकी सभी शर्तों का पालन हम अपने ही समय में पूरा करते हैं।’
कार्बी असम का एक प्रमुख जातीय समूह है
ध्यान रहे कि कार्बी असम का एक प्रमुख जातीय समूह है, जो कई गुटों और टुकड़ों से घिरा हुआ है, कार्बी समूह का इतिहास 1980 के दशक के उत्तरार्ध से हत्याओं, जातीय हिंसा, अपहरण और कराधान से जुड़ा रहा है। असम में 2 आदिवासी समूह बोडो और कार्बी असम से अलग होना चाहते थे, 2009 में बोडो समझौता हुआ और इसने असम की क्षेत्रीय अखंडता को बसाते हुए विकास का नया रास्ता खोला, आज कार्बी समझौता हुआ, इससे कार्बी आंगलोंग इलाके में शांति आएगी, नए समझौते के तहत, पहाड़ी जनजाति के लोग भारतीय संविधान की अनुसूची 6 के तहत आरक्षण के हकदार होंगे, इसलिए असम के लिए ये ऐतिहासिक दिन है।