बिहार में हो रही जातीय जनगणना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका, जानिए क्या की गई मांग

बिहार में राज्य सरकार की तरफ से की जा रही जातीय जनगणना के खिलाफ देश की शीर्ष अदालत सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार को जनगणना कराने का कोई अधिकार नहीं है।

जातीय जनगणना रद्द करने की मांग
बिहार में हो रही जातीय जनगणना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। याचिका में कहा गया है कि जनगणना अधिनियम के तहत राज्य सरकार को जनगणना का अधिकार ही नहीं है, यह प्रक्रिया सर्वदलीय बैठक में हुए निर्णय के आधार पर शुरू की गई है, बिना विधानसभा से कानून पास किए इसे करवाया जा रहा है, इसे रद्द किया जाए।

जातीय जनगणना 7 जनवरी से शुरू
दरअसल, बिहार में नीतीश-तेजस्वी के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार ने शनिवार यानि 7 जनवरी 2022 को जातियों का सर्वेक्षण शुरू किया था। इस दौरान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि यह कवायद समाज के सभी वर्गों के उत्थान के लिए मददगार साबित होगी, इसी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। ध्यान रहे कि बिहार सरकार के इस कदम की विपक्षी पार्टी भाजपा ने आलोचना की है।

Load More Related Articles
Load More By RN Prasad
Load More In देश

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

PM मोदी का बड़ा बयान, कहा- ‘मैं किसी को डराने या चकमा देने के लिए फैसले नहीं लेता, मैं देश के पूरे विकास के लिए फैसले लेता हूं’

इंडियन इकोनॉमी पर बात करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘जहां तक 2047 विजन …